Science News In Hindi

Science News In Hindi - ख़बरें

  • पृथ्‍वी का ‘चुंबकीय उत्तरी ध्रुव’ खिसक रहा, कनाडा से पहुंच गया रूस! जानें पूरा मामला
    ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि पृथ्‍वी का चुंबकीय उत्तरी ध्रुव (magnetic north pole) तेजी के साथ रूस की तरफ खिसक रहा है। पांच साल पहले यह जहां था, वहां से अब साइबेरिया के करीब पहुंच गया है। सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञ कई सदियों से पृथ्‍वी के चुंबकीय उत्तरी ध्रुव को ट्रैक कर रहे हैं। इसे वर्ल्‍ड मैग्‍नेटिक मॉडल का इस्‍तेमाल करके ट्रैक किया जाता है।
  • अंतरिक्ष से दिखा महाकुंभ मेला, सामने आई तस्‍वीरें, जानें पूरी‍ डिटेल
    दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला, प्रयागराज महाकुंभ (Prayagraj MahaKumbha) अंतरिक्ष से भी दिखाई दे रहा है। भारतीय स्‍पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने इंडियन सैटेलाइट्स का इस्‍तेमाल करके महाकुंभ की तस्वीरें ली हैं। इसरो की तस्वीरों में मेले में बनाए गए विशाल बुनियादी ढांचे को देखा जा सकता है। गौरतलब है कि प्रयागराज में महाकुंभ में 40 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है।
  • Planetary Parade 2025 : आज आसमान में एकसाथ दिखेंगे 6 ग्रह, 4 बिना टेलीस्‍कोप आएंगे नजर
    अगर आप अंतरिक्ष में होने वाली घटनाओं में दिलचस्‍पी रखते हैं, तो आज मंगलवार को एक अहम खगोलीय नजारे का गवाह बनने का मौका मिलेगा। इसे ‘प्‍लैनेटरी परेड 2025’ कहा जा रहा है, जिसमें एकसाथ 6 ग्रहों को सीधी लाइन में देखा जा सकेगा। 4 ग्रह तो बिना टेलीस्‍कोप यानी नग्‍न आंखों से नजर आएंगे। क्‍या होती है प्‍लैनेटरी परेड। कौन-कौन से ग्रह आसमान में दिखाई देंगे। इसकी पूरी डिटेल हम आपको देने जा रहे हैं।
  • 83 हजार Km की स्‍पीड से एयरोप्‍लेन जितना बड़ा एस्‍टरॉयड आ रहा पृथ्‍वी के करीब, क्‍या होगा?
    एक बार फ‍िर से एयरोप्‍लेन जितना बड़ा एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा है। इसका नाम है- 2025 AY2। नाम से पता चल जाता है कि एस्‍टरॉयड को इसी साल खोजा गया है। नासा के अनुसार, यह 220 फीट बड़ा है और 83 हजार 788 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा है। अनुमान है कि आज यह धरती के करीब से गुजरेगा। तब दोनों के बीच दूरी 67 लाख 90 हजार किलोमीटर रह जाएगी।
  • विस्‍फोट के बाद ब्रह्मांड में फैली तारे की धूल, James Webb टेलीस्‍कोप ने किया कैप्‍चर, देखें 3D इमेज
    अंतरिक्ष में तैनात दुनिया का सबसे बड़ा टेलीस्‍कोप- जेम्‍स वेब (James Webb Space Telescope) हर रोज हमारे ब्रह्मांड को कैप्‍चर कर रहा है। नासा के टेलीस्‍कोप ने अब अंतरतारकीय (interstellar) धूल और गैस की ज्‍यादा डिटेल इमेज ली हैं, जिससे वैज्ञानिकों ने इंटरस्‍टेलर धूल और गैस की 3डी संरचना बनाई है। रिपोर्ट के अनुसार, करीब 350 साल पहले एक तारे के खत्‍म होने से यह रोशनी, गैस और धूल निकली जो अबतक काफी लंबा सफर तय कर चुकी है।
  • ISRO : क्‍या होती है स्पेस डॉकिंग? अंतरिक्ष में दो स्‍पेसक्राफ्ट जोड़ने से भारत को क्‍या फायदा होगा? जानें
    भारतीय स्‍पेस एजेंसी इसरो (ISRO) का Spadex मिशन कामयाब हो गया। कई दिनों से देशवासी जिसका इंतजार कर रहे थे, वह गुड न्‍यूज गुरुवार सुबह आई। इसरो ने बताया कि उसने अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक दो स्‍पेसक्राफ्टों को आपस में जोड़ दिया है, जिसे स्‍पेस डॉकिंग कहा जाता है। ऐसा करने वाला भारत अब दुनिया का चौथा देश बन गया है। यह कामयाबी अबतक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के नाम थी।
  • चंद्रमा पर वैक्‍यूम क्‍लीनर भेज रहे वैज्ञानिक, क्‍या काम करेगा? जानें
    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने एक अभूतपूर्व तकनीक को दुनिया को दिखाया है। इसका नाम लूनार प्‍लैनेटवैक (Lunar PlanetVac (LPV) है। इससे वैज्ञानिकों के चंद्रमा और अन्य ग्रहों पर मिट्टी और चट्टान के सैंपल इकट्ठा करने और उन्‍हें स्‍टडी करने के तरीके में बदलाव आएगा। रिपोर्टों के अनुसार, इस तकनीक को हनीबी रोबोटिक्स ने डेवलप किया है।
  • ISRO का एक और कमाल! अंतरिक्ष में उगा दिया लोबिया, देखें वीडियो
    भारत की स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने एक बार फिर से अंतरिक्ष की दुनिया में कारनामा कर दिखाया है। इसरो ने स्पेस में लोबिया के बीजों को उगते दिखाया है। इसरो का कहना है कि केवल चार दिन में ही ये बीज माइक्रोग्रेविटी में अंकुरित हो गए। दरअसल यह संस्था के CROPS मिशन का हिस्सा है। भविष्य में दूसरे ग्रहों पर खेती की संभावनाओं को इसके जरिए तलाशा जा सकता है।
  • मंगल ग्रह पर ‘एलियंस की खोज’ के लिए Nasa बना रही नया प्‍लान, पृथ्‍वी पर लाने होंगे सबूत
    साल 2021 से ही नासा का पर्सवेरेंस रोवर (Perseverance rover) मंगल ग्रह से चट्टानों और तलछटों के सैंपल इकट्ठा कर रहा है। हालांकि अभी तक नासा कन्‍फर्म नहीं है कि सैंपलों को कबतक पृथ्‍वी पर लाया जा सकेगा। पहले नासा चाहती थी कि इस दशक के आखिर तक सैंपलों को पृथ्‍वी पर ले आया जाए, पर अब उसमें देर होती हुई दिख रही है।
  • यूरोपियन स्पेस एजेंसी के स्पेसक्राफ्ट ने खींची बुध की अद्भुत तस्वीरें, ग्रह पर जमे हुए पानी के संकेत!
    सौरमंडल में सूर्य के सबसे नजदीक घूमने वाले ग्रह बुध को बेहद नजदीक से कैमरा में कैद किया गया है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी का BepiColombo स्पेसक्राफ्ट बुध के सबसे नजदीक से गुजरा है। इसके बाद यह 2026 में इसकी कक्षा में प्रवेश करेगा। पता लगाएगा कि ग्रह पर केवल चट्टानों की एक पतली परत क्यों है, जबकि ग्रह के पास बहुत बड़ा लौह कोर है।
  • अंतरिक्ष में ISRO का कमाल! लोबिया का बीज बन गया पौधा, जानें डिटेल
    भारतीय स्‍पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने अंतरिक्ष में एक और इतिहास रच दिया है। इसरो ने अंतरिक्ष में लोबिया के बीज अंकुरित करवाए थे, जिनसे अब पत्‍त‍ियां निकल आई हैं। इसरो ने बताया है कि ‘PSLV-C60 पीओईएम-4 प्लेटफॉर्म’ पर अंतरिक्ष में भेजे गए लोबिया के बीजों में अंकुरण के बाद पहली पत्तियां निकल आई हैं। इसरो ने कहा है कि यह अंतरिक्ष बेस्‍ड प्‍लांट रिसर्च में मील का एक पत्थर है।
  • Quadrantids meteor shower : नए साल पर अंतरिक्ष में टूटेंगे तारे! इस दिन दिखेगा खास नजारा
    साल 2025 की शुरुआत एक अहम खगोलीय घटना के साथ होने जा रही है। क्वाड्रेंटिड्स उल्‍का बौछार (Quadrantids meteor shower) 3 और 4 जनवरी को अपने पीक पर होगी। आसान भाषा में समझाएं तो नए साल की इन दो रातों में आपको आसमान में उल्‍का पिंडों की बारिश होती हुई दिखेगी। धूमकेतुओं से निकलने वाली रोशनी के बाद पूरा आकाश जगमग हो जाएगा।
  • SpaDeX Mission : 7 जनवरी को अंतरिक्ष में क्‍या करने वाला है भारत? रूस, अमेरिका, चीन के बाद बनेगा दुनिया का चौथा देश!
    भारत के अंतरिक्ष संगठन ‘इसरो’ (ISRO) ने सोमवार की रात इतिहास रचा। इसरो का SpaDeX मिशन आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्‍च किया गया। इस काम में पीएसएलवी रॉकेट की मदद ली गई, जिसने दो छोटे सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में पहुंचाया। मिशन की खास बात यह है कि दोनों सैटेलाइट्स धरती से करीब 470 किलोमीटर की ऊंचाई पर डॉकिंग और अनडॉकिंग करेंगे।
  • Black Moon क्‍या है? दिसंबर में दूसरी बार दिखेगा नया चांद, क्‍या है इसका मतलब? जानें
    साल 2024 का समापन बेहद दिलचस्‍प खगोलीय घटना के साथ होने वाला है। इसका नाम ब्‍लैक मून है। खगोल विज्ञान में ब्‍लैक मून जैसे शब्‍द को मान्‍यता नहीं मिली है, लेकिन हाल के कुछ वर्षों में इसने पॉपुलैरिटी बटोरी है शौकिया खगोलविदों और आसमान में होने वाली घटनाओं को ट्रैक करने वाले लोगों के बीच। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ब्‍लैक मून शब्‍द का इस्‍तेमाल तब किया जाता है जब एक कैलेंडर महीने में दूसरा नया चांद दिखे।
  • गिलहरियां मांस भी खाती हैं! करती हैं इस जीव का शिकार ...
    गिलहरियों को अगर आप सिर्फ शाकाहारी प्राणी मानते आए हैं तो यह खबर आपको चौंका सकती है। कैलिफॉर्निया में जमीन पर रहने वाली गिलहरियां चूहे जैसे दिखने वाले जीव वोल (Vole) का शिकार भी करती हैं। गिलहरी की प्रजाति में पहली बार ऐसा देखा गया है जब वह जीवित कशेरुकियों (vertebrates) का शिकार करती हुई देखी गई हैं। स्टडी को Journal of Ethology में पब्लिश किया गया है।

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