NASA के  Curiosity रोवर ने दिखाया मंगल ग्रह पर सूर्य की स्पष्ट किरणों का नजारा

ये इमेज ट्विलाइट क्लाउड सर्वे की सीरीज के तहत ली गई हैं। यह सर्वे जनवरी में शुरू हुआ था और मार्च के मध्य तक चलेगा

NASA के  Curiosity रोवर ने दिखाया मंगल ग्रह पर सूर्य की स्पष्ट किरणों का नजारा

ये इमेज ट्विलाइट क्लाउड सर्वे की सीरीज के तहत ली गई हैं

ख़ास बातें
  • सूर्य की किरणों को क्रेपस्क्युलर रे भी कहा जाता है
  • ये बादलों के बीच की जगह से चमकने पर दिखती हैं
  • धरती पर सूर्य की किरणें अक्सर लाल या पीले रंग की दिखती हैं
विज्ञापन
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के Curiosity यान ने मंगल ग्रह पर सूर्य की किरणों की स्पष्ट इमेज ली हैं। ये इमेज ट्विलाइट क्लाउड सर्वे की सीरीज के तहत ली गई हैं। यह सर्वे जनवरी में शुरू हुआ था और मार्च के मध्य तक चलेगा। सूर्य की किरणों को क्रेपस्क्युलर रे भी कहा जाता है। सूर्य की रोशनी के बादलों के बीच की जगह से चमकने पर ये दिखती हैं। 

Curiosity यान के ट्विटर पेज पर इन इमेजेज को शेयर किया गया है। यह पहली बार है कि जब सूर्य की किरणें मंगल ग्रह पर स्पष्ट दिखी हैं। धरती पर ये किरणें धुंधली स्थितियों में सबसे अधिक दिखती हैं, जब वातावरण में धुएं, धूल और अन्य कणों को रोशनी बिखरा देती है। ये किरणें बादल के पार एक बिंदु पर मिलती लगती हैं लेकिन वास्तव में ये एक दूसरे के समानांतर चलती हैं। पानी और कार्बन डाइऑक्साइड दोनों के बर्फ के बारीक टुकड़ों से बने मार्टियन बादल आमतौर पर धरती से 60 किलोमीटर तक ऊपर होते हैं। हालांकि, नई इमेज में बादल इससे कहीं ऊपर दिख रहे हैं। 

NASA की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी का कहना है कि Curiosity यान को इनके दिखने का यह एक कारण हो सकता है। धरती पर सूर्य की किरणें अक्सर लाल या पीले रंग की दिखती हैं क्योंकि सूर्य की रोशनी दिन के मध्य में सीधे ऊपर से चमकने की तुलना में हवा से लगभग 40 बार अधिक गुजरती है। इसका मतलब है कि हवा से अधिक रोशनी बिखर जाती है। इस वजह से हमारी आंख तक पहुंचने वाली रोशनी अक्सर लाल या पीले रंग की लगती है। 

पिछले कई वर्षों से Nasa मंगल ग्रह पर अपने मिशन भेज रही है, ताकि वहां जीवन की संभावनाओं को टटोला जा सके। नासा इस ग्रह पर अंतरिक्ष यात्रियों को भी भेजना चाहती है। नासा ने बताया है कि वह एक परमाणु-संचालित रॉकेट का निर्माण कर रही है, जो पारंपरिक रॉकेट की तुलना में बहुत तेजी से इंसानों को मंगल ग्रह पर भेज सकता है। मंगल ग्रह पर पहुंचने में 7 महीने लगते हैं। नासा ने डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (DARPA) के साथ डिमॉन्‍स्‍ट्रेशन रॉकेट फॉर एजाइल सिस्लुनर ऑपरेशंस (DRACO) प्रोग्राम के लिए साझेदारी की है। इसे 2027 में टेस्‍ट किया जाएगा। नासा जिस न्‍यूक्लियर-पावर्ड रॉकेट के निर्माण पर काम कर रही है, वह इलेक्‍ट्रि‍क प्रोपल्‍शन के मुकाबले 10,000 गुना ज्‍यादा हाई थ्रस्ट-टु-वेट रेशो दे सकता है। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Space, Mars, Rover, Expedition, Sun, Rays, Curiosity, Red, Twitter, NASA, Light
आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. 108MP कैमरा के साथ लॉन्‍च होगा HMD Fusion, Amazon पर हुआ लिस्‍ट, जानें प्रमुख फीचर्स
  2. 200MP कैमरा वाली Redmi Note 14 5G स्‍मार्टफोन सीरीज इस दिन होगी भारत में लॉन्‍च, जानें
  3. OPPO Find X8, Find X8 Pro हुए Dimensity 9400 प्रोसेसर, AMOLED डिस्प्ले के साथ लॉन्च, जानें भारत में कीमत
  4. पृथ्वी का 'दूसरा चांद' होने वाला है गायब! 30 साल बाद फिर लौटेगा ...
  5. Elon Musk ने अपने Starship रॉकेट में क्यों भेजा केला? दिलचस्प है वजह, जानें
  6. WhatsApp लाया धांसू फीचर! Status अपडेट में अब ग्रुप को भी कर सकेंगे मेंशन, ऐसे करेगा काम
  7. Google नहीं ला रहा Pixel Tablet 3, रिपोर्ट में हुआ खुलासा!
  8. Apple यूजर्स अलर्ट! कंपनी ने जारी किया इमरजेंसी सिक्योरिटी अपडेट, जल्द करें डाउनलोड, ये रहे स्टेप्स
  9. भारत में Apple के iPhone की दमदार सेल्स, रेवेन्यू बढ़कर 67,100 करोड़ रुपये से ज्यादा
  10. एयरटेल की 5G नेटवर्क को बढ़ाने की तैयारी, नोकिया को दिया करोड़ों डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »