भारत का आधुनिक पुष्पक रॉकेट शुक्रवार को होगा लॉन्च

इसकी पहली एक्सपेरिमेंटल फ्लाइट आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 2016 में हुई थी। इसने बंगाल की खाड़ी में एक वर्चुअल रनवे पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी

भारत का आधुनिक पुष्पक रॉकेट शुक्रवार को होगा लॉन्च
ख़ास बातें
  • यह एक रियूजेबल लॉन्च व्हीकल (RLV) है
  • पुष्पक रॉकेट की यह तीसरी एक्सपेरिमेंटल फ्लाइट होगी
  • इसकी पहली एक्सपेरिमेंटल फ्लाइट श्रीहरिकोटा से 2016 में हुई थी
विज्ञापन
पिछले कुछ वर्षों में अंतरिक्ष में भारत के अभियानों की सफलता तेजी से बढ़ी है। इसी कड़ी में शुक्रवार (22 मार्च) को रियूजेबल लॉन्च व्हीकल (RLV) कर्नाटक में चलाकेरे रनवे से लॉन्च किया जाएगा। इसे पुष्पक कहा जाएगा। यह रियूजेबल रॉकेट सेगमेंट में एंट्री करने की देश की एक कोशिश है। 

पुष्पक की यह तीसरी एक्सपेरिमेंटल फ्लाइट होगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन, S Somanath ने बताया, "पुष्पक लॉन्च व्हीकल अंतरिक्ष तक पहुंचने का सबसे किफायती जरिया होगा। इस रियूजेबल लॉन्च व्हीकल का सबसे महंगा हिस्सा रियूजेबल बनाया गया है। इससे यह सुरक्षित तरीके से धरती पर वापस लाया जा सकेगा। इस ऊपरी हिस्से में इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम होता है। यह बाद में इन-ऑर्बिट सैटेलाइट्स की रिफ्यूलिंग करने के साथ ही ऑर्बिट से सैटेलाइट्स को रिबर्फिशमेंट के लिए ला सकेगा। यह अंतरिक्ष में मलबे को न्यूनतम करने की दिशा में एक कदम है।" 

इसकी पहली एक्सपेरिमेंटल फ्लाइट आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 2016 में हुई थी। इसने बंगाल की खाड़ी में एक वर्चुअल रनवे पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी। इसके बाद यह योजना के तहत समुद्र में डूब गया था। इसका दूसरा टेस्ट पिछले वर्ष 2 अप्रैल को चित्रदुर्ग एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज पर हुआ था। इसके नाम के बारे में सोमनाथ ने बताया कि रामायण में भारत के पौराणिक विमान का संदर्भ दिया गया है। इसे संपत्ति के देवता का वाहन माना जाता है। इस कारण से 21वीं सदी के इस रॉकेट को यह नाम दिया गया है। उन्होंने कहा, "इसके व्यावसायिक तौर पर उपलब्ध लॉन्चर बनने के बाद यह रेवेन्यू का एक बड़ा जरिया हो सकता है।" पिछले वर्ष ISRO ने चंद्रयान के सफल अभियान के साथ दुनिया भर में अपनी विशेषज्ञता का लोहा मनवाया था। 

ISRO के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के प्रोग्राम डायरेक्टर (एडवांस्ड टेक्नोलॉजी एंड सिस्टम्स ग्रुप), Sunil P ने कहा, "पुष्पक भविष्य का रॉकेट है। ISRO का उद्देश्य ऐसा व्हीकल लॉन्च करना है जो अंतरिक्ष तक कम कॉस्ट में पहुंचा सके।" भारत ने लगभग 15 वर्ष पहले स्पेस शटल का अपना वर्जन डिवेलप करने की योजना बनाई थी। इसके कुछ वर्ष बाद वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की एक टीम ने RLV बनाने का कार्य शुरू किया था। इस 6.5 मीटर के विमान जैसे रॉकेट का भार लगभग 1.75 टन का है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Honor 500 Pro में मिल सकता है 200 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा, 6.55 इंच डिस्प्ले
  2. पहियों पर चलने वाला रोबोट! Unitree ने लॉन्च किया G1-D रोबोट, ऐसे करता है काम
  3. Bitcoin में भारी गिरावट, 96,000 डॉलर से कम हुआ प्राइस
  4. 172km रेंज के साथ फ्लैगशिप इलेक्ट्रिक बाइक Matter Aera 5000+ हुई लॉन्च, जानें सबकुछ
  5. Oppo Find X9 सीरीज अगले सप्ताह भारत में होगी लॉन्च, लीक हुए प्राइस
  6. OnePlus 15 vs iPhone 17 vs Samsung Galaxy S25 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  7. 20GB रैम वाला फोन लॉन्च करेगी Huawei, ला रही धांसू Huawei Mate 80 सीरीज!
  8. Apple के iPhone 16e की घटी सेल्स, बंद हो सकती है iPhone Air की मैन्युफैक्चरिंग 
  9. ChatGPT का अमीर यूजर्स कर रहे हैं सबसे ज्यादा उपयोग, जानें क्यों हो रहा उनके बीच लोकप्रिय?
  10. Vivo X500 में मिलेगा 7000mAh के साथ भारी बैटरी अपग्रेड!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »