अमेरिकी डिवाइसेज मेकर Apple को बड़ा झटका लगा है। इस वर्ष की पहली तिमाही में चीन में कंपनी की सेल्स लगभग 19 प्रतिशत घटी है। इससे चीन में कंपनी का मार्केट शेयर घटकर 15.7 प्रतिशत हो गया है। इस मार्केट में पहले स्थान पर Vivo और दूसरे स्थान पर Honor है।
चीन में सरकारी कर्मचारियों पर
एपल के डिवाइसेज के इस्तेमाल को लेकर बैन लगाया गया था। यह कंपनी की सेल्स गिरने का एक बड़ा कारण है। इसके अलावा Huawei की ओर से भी एपल को भी कड़ी चुनौती मिल रही है। Huawei का मार्केट शेयर बढ़कर 15.5 प्रतिशत पर पहुंच गया है। एपल ने चीन में आईफोन पर डिस्काउंट भी दिया था लेकिन इसके बावजूद इसकी सेल्स में कमी हुई है।
एपल का मिक्स्ड रिएलिटी हेडसेट Vision Pro जल्द चीन में लॉन्च किया जाएगा। इसकी बिक्री फरवरी में अमेरिका में शुरू हुई थी। कंपनी की इसे बहुत से देशों में उपलब्ध कराने की योजना है। एपल के चीफ एग्जिक्यूटिव, Tim Cook ने चाइना डिवेलपमेंट फोरम के दौरान बताया था कि विजन प्रो को चीन में इस वर्ष लॉन्च किया जाएगा। उनका कहना था कि चीन में कंपनी की रिसर्च और डिवेलपमेंट में इनवेस्टमेंट बरकरार रखने की योजना है। इसका प्राइस 256 GB स्टोरेज वाले बेस वेरिएंट के लिए 3,499 डॉलर से शुरू होता है। इसके 512 GB वेरिएंट का प्राइस 3,699 डॉलर और 1 TB का 3,899 डॉलर का है। इसमें एक एक्सटर्नल बैटरी पैक है जो एक केबल के जरिए कनेक्ट होता है। Vision Pro में छह माइक्रोफोन, दो प्राइमरी कैमरा, छह सेकेंडरी (ट्रैकिंग) कैमरा, आई ट्रैकिंग के लिए चार कैमरा, एक LiDAR स्कैनर और छह अन्य सेंसर हैं।
पिछले वित्त वर्ष में भारत में
कंपनी ने 14 अरब डॉलर के iPhones की मैन्युफैक्चरिंग की है। देश में बने आईफोन्स में से लगभग 67 प्रतिशत एपल की सप्लायर Foxconn और लगभग 17 प्रतिशत Pegatron ने असेंबल किए हैं। पिछले कुछ वर्षों में देश में आईफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री तेजी से बढ़ी है। आईफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग में कर्नाटक में Tata Group के प्लांट की भी हिस्सेदारी है। पिछले वर्ष टाटा ग्रुप ने इस प्लांट को Wistron से टेक ओवर किया था। एपल ने भारत में प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम में हिस्सा लेने के बाद 1.5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया है। इनमें से अधिकतर लोगों की आयु 19 से 24 वर्ष के बीच है।