लोकप्रिय वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म YouTube ने क्लिकबेट या भ्रामक थंबनेल या टाइटल वाले वीडियो के खिलाफ कदम उठाने की तैयारी की है। इसकी शुरुआत भारत से की जाएगी। इसके लिए विशेषतौर पर ब्रेकिंग न्यूज या करेंट इवेंट्स जैसे टॉपिक्स वाले वीडियोज की निगरानी की जाएगी।
यूट्यूब ने बताया है कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि व्युअर्स को उस कंटेंट को लेकर भ्रमित न किया जाए तो वे इस वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर देखते हैं। Google के मालिकाना हक वाली इस कंपनी ने एक ब्लॉग
पोस्ट में बताया है कि इसका लक्ष्य गलत थंबनेल वाले वीडियोज की समस्या से निपटना है। ये ऐसे वीडियो होते हैं जिनका टाइटल या थंबनेल वीडियो के कंटेंट से मेल नहीं खाता। यूट्यूब ने इस तरह के गलत थंबनेल के कुछ उदाहरण भी दिए हैं। इनमें एक वीडियो के थंबनेल में लिखा गया है 'टॉप पॉलिटिकल न्यूज', जबकि इस वीडियो में न्यूज मौजूद नहीं है।
कंपनी का कहना है कि इस तरह के तरीकों से व्युअर्स को धोखाधड़ी या निराशा महसूस हो सकती है, विशेषतौर पर जब वे महत्वपूर्ण जानकारी के लिए यूट्यूब पर कंटेंट देखते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए कंपनी इस पॉलिसी का उल्लंघन करने वाले कंटेंट को हटाना शुरू करेगी। कंपनी ने बताया है कि इन उपायों को आगामी महीनों में लागू किया जाएगा। इस महीने की शुरुआत में
गूगल के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO), Sundar Pichai को मुंबई की एक अदालत ने YouTube पर एक मानहानि करने वाले वीडियो को हटाने में नाकाम रहने पर अवमानना का नोटिस दिया था। कुछ अन्य देशों में भी गूगल को इस प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।
मुंबई के Ballard Pier में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत की ओर से 21 नवंबर को यह नोटिस जारी किया गया था। इसमें कहा गया है कि यूट्यूब ने पिछले वर्ष मार्च में दिए गए मानहानि करने वाले एक वीडियो को हटाने के ऑर्डर का पालन नहीं किया है। इस वीडियो में ध्यान फाउंडेशन और इसके फाउंडर, Yogi Ashwini को निशाना बनाया गया था। ध्यान फाउंडेशन ने भी लगभग दो वर्ष पहले यूट्यूब के खिलाफ अवमानना की याचिका दायर की थी। इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि यूट्यूब जानबूझ कर अदालत के ऑर्डर को अनदेखा कर रही है।