Amazon और Flipkart के खिलाफ जांच का मामला कर्नाटक हाई कोर्ट को ट्रांसफर

CCI ने कहा था कि Samsung और Vivo और कुछ अन्य कंपनियों की ओर से दी गई जांच को चुनौतियों का टारगेट इस जांच को दबाना है

Amazon और Flipkart के खिलाफ जांच का मामला कर्नाटक हाई कोर्ट को ट्रांसफर

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट इस मामले की जल्द सुनवाई करने का निर्देश दिया है

ख़ास बातें
  • इन ई-कॉमर्स कंपनियों पर गलत कारोबारी तरीकों का इस्तेमाल करने का आरोप है
  • CCI की यह जांच कॉम्पिटिशन से जुड़े कानून के उल्लंघन को लेकर है
  • पिछले कुछ वर्षों में ई-कॉमर्स का मार्केट तेजी से बढ़ा है
विज्ञापन
ई-कॉमर्स कंपनियों Amazon और Flipkart के खिलाफ कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) की जांच को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट को ट्रांसफर किया है। इन याचिकाओं में एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के कथित तौर पर कॉम्पिटिशन के खिलाफ कारोबारी तरीकों की CCI की ओर से जांच को चुनौती गई थी। 

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट इस मामले की जल्द सुनवाई करने का निर्देश दिया है। इन ई-कॉमर्स कंपनियों और CCI ने इस मामले को सुनवाई के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट को ट्रांसफर करने पर सहमति दी थी। पिछले महीने CCI ने इन कंपनियों की जांच को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई करने का निवेदन किया था। CCI ने कहा था कि Samsung और Vivo और कुछ अन्य कंपनियों की ओर से दी गई जांच को चुनौतियों का टारगेट इस जांच को दबाना है। 

CCI की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक फाइलिंग में कहा गया था कि एमेजॉन, फ्लिपकार्ट और इन ई-कॉमर्स कंपनियों के प्लेटफॉर्म्स पर सैमसंग, Vivo और कुछ अन्य वेंडर्स की ओर से विभिन्न हाई कोर्ट्स में दायर की गई चुनौतियों पर सुनवाई की जाए, जिससे इस मामले में जल्द फैसला हो सके। 

देश में ई-कॉमर्स का मार्केट 2028 तक बढ़कर 160 अरब डॉलर से अधिक होने का अनुमान है। एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के लिए यह एक बड़ी रेगुलेटरी चुनौती है। विदेशी निवेश से जुड़े कानून के उल्लंघन की वजह से एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) की जांच का दायरा भी बढ़ा है। इन कंपनियों का कहना है कि वे देश के कानूनों का पालन करती हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से ED इन कंपनियों के खिलाफ आरोपों की जांच कर रहा है। इन कंपनियों पर चुनिंदा सेलर्स के जरिए गुड्स की इन्वेंटरी पर नियंत्रण रखने का आरोप है। देश के कानून के तहत, विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां अपनी वेबसाइट के जरिए बिक्री वाले प्रोडक्ट्स की इन्वेंटरी नहीं रख सकती और ये केवल सेलर्स के एक मार्केटप्लेस के तौर पर कार्य कर सकती हैं। हाल ही में ED ने एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के कुछ सेलर्स पर छापा मारा था। इस बारे में जानकारी रखने वाले एक सरकारी सूत्र ने बताया था कि ED के छापों में जब्त किए गए दस्तावेजों से यह प्रमाण मिला है कि इन कंपनियों ने विदेशी निवेश से जुड़े कानून का उल्लंघन किया है। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. मोटापा कम करने में 'म्यूजिक' करेगा मदद! कैसे? वैज्ञानिकों ने बताया
  2. Xiaomi 16 में होगी 6800mAh बैटरी, Snapdragon 8 Elite 2 चिप!
  3. BSNL को मिले नए सब्सक्राइबर्स, Reliance Jio का पहला स्थान बरकरार
  4. Vivo X200 Ultra vs Pixel 9 Pro XL: दमदार हार्डवेयर या धांसू AI फीचर्स, कौन सा फोन मारेगा बाजी, जानें
  5. OnePlus 13T की टक्कर Samsung Galaxy S25 Ultra से, देखें कौन सा फ्लैगशिप है बेस्ट
  6. National Technology Day 2025: आज भारत मना रहा 'नेशनल टेक्नोलॉजी डे'! कब, क्यों, कैसे हुआ शुरू ... जानें सबकुछ
  7. 250W पावर वाला साउंडबार Portronics Sound Slick X भारत में Rs 7,999 में लॉन्च, जानें खास फीचर्स
  8. OnePlus Pad 2 Pro आया Oppo वेबसाइट पर नजर, 16GB रैम, 12,140mAh बैटरी के साथ 13 मई को होगा लॉन्च!
  9. Leica ने नया कैमरा M11-P Safari एडिशन किया लॉन्च, 256GB स्टोरेज, BSI CMOS सेंसर से लैस, जानें कीमत
  10. "आपके डिवाइस में वायरस है!" ऐसे स्कैम Google Chrome पर अब नहीं करेंगे परेशान, कंपनी की बड़ी तैयारी
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »