देश की अधिकतर फार्मास्युटिकल कंपनियां ऑफिस से वर्किंग चाहती हैं, जबकि टेक और रिटेल सेक्टर की लगभग 50 प्रतिशत कंपनियों को हाइब्रिड वर्किंग पसंद है। पिछले कुछ महीनों में फ्लेक्सिबल और ऑन-डिमांड ऑफिस स्पेस की जरूरत बढ़ने के साथ कोवर्किंग में तेजी आ सकती है।
फ्लेक्सिबल स्पेस सप्लायर Awfis और टेक-एनेबल्ड वर्कप्लेस प्रोवाइडर Qdesq के संयुक्त सर्वे में यह भी संकेत मिला है कि अधिकतर कंपनियां अगले 12 महीनों में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की योजना रखती हैं और लगभग 40 प्रतिशत हाइब्रिड वर्किंग के आइडिया पर बढ़ रही है। सर्वे में बताया गया है कि सभी साइज की कंपनियों में से 35-40 प्रतिशत को हाइब्रिड वर्किंग का आइडिया पसंद है। बहुत से शहरों में ऑफिस स्पेस डिवेलपमेंट के बावजूद
हाइब्रिड वर्किंग मॉडल को लागू करने के लिए कंपनियों की फ्लेक्सिबल स्पेस प्रोवाइडर्स के साथ बातचीत चल रही है। लगभग 45 प्रतिशत कंपनियां फ्लेक्सिबल स्पेस सहित नए ऑफिस स्पेस पर विचार कर रही हैं। इसके अलावा लगभग 35 प्रतिशत ने पहले ही कोवर्किंग स्पेसेज के साथ कोलेब्रेशन के जरिए हाइब्रिड वर्किंग शुरू कर दी है।
सर्वे में शामिल छोटी फर्मों से 70 प्रतिशत से अधिक ऑफिस से वर्किंग के पक्ष में हैं। बड़ी कंपनियों के लिए यह आंकड़ा केवल 15 प्रतिशत का है और इनमें से लगभग 70 प्रतिशत को हाइब्रिड वर्किंग पसंद है। हाल ही में ग्लोबल IT सर्विसेज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अपने स्टाफ को सप्ताह में कम से कम तीन दिन ऑफिस से काम करने के लिए कहा था। कंपनी ने एंप्लॉयीज को भेजी ईमेल में बताया था कि उन्हें अपने सुपरवाइजर की ओर से बनाए गए रोस्टर के अनुसार एक सप्ताह में तीन दिन ऑफिस से काम करना होगा। इसका उल्लंघन करने वाले एंप्लॉयीज के खिलााफ
कंपनी की ओर से कार्रवाई की जा सकती है।
हालांकि, ईमेल में इसके लिए कोई समयसीमा नहीं दी गई थी। एंप्लॉयीज से अधिक जानकारी के लिए उनके HR बिजनेस पार्टनर्स से संपर्क करने को कहा गया है। कुछ सप्ताह पहले TCS ने ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए एंप्लॉयीज को ऑफिस आने के लिए प्रोत्साहित किया था। कंपंनी ने एंप्लॉयीज को ऑफिस से काम करने के फायदों के बारे में बताने की कोशिश की थी। TCS ने 25x25 प्लान बनाया है। यह एक नया ऑपरेटिंग मॉडल है जिसमें किसी भी समय उसकी वर्कफोर्स के केवल 25 प्रतिशत को ऑफिस में मौजूद रहना होगा।