ChatGPT के बिजनेस वर्जन के यूजर्स की संख्या 10 लाख से ज्यादा

OpenAI के बिजनेस यूजर्स में से लगभग आधे अमेरिका में हैं। इसके अलावा जर्मनी, ब्रिटेन और जापान में इसका चैटबॉट काफी लोकप्रिय है

ChatGPT के बिजनेस वर्जन के यूजर्स की संख्या 10 लाख से ज्यादा

बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में शामिल Microsoft का ChatGPT में इनवेस्टमेंट है

ख़ास बातें
  • इनमें ChatGPT टीम और एंटरप्राइज सर्विसेज के कस्टमर्स शामिल हैं
  • OpenAI के बिजनेस यूजर्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है
  • सॉफ्टवेयर कंपनी Microsoft का ChatGPT में इनवेस्टमेंट है
विज्ञापन
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI) से जुड़ी OpenAI के ChatGPT के बिजनेस वर्जन के पेड यूजर्स की संख्या 10 लाख से ज्यादा हो गई है। यह बढ़ते कॉम्पिटिशन के बावजूद OpenAI के चैटबॉट के लिए बिजनेस क्लाइंट्स से बढ़ती डिमांड का संकेत है। OpenAI ने बताया कि इन यूजर्स में उसकी ChatGPT टीम और एंटरप्राइज सर्विसेज के लिए साइन-अप करने वाले शामिल हैं। 

ChatGPT के इस वर्जन का टारगेट कंपनियों के साथ ही यूनिवर्सिटीज में इसके ChatGPT Edu का इस्तेमाल करने वाले लोग हैं। OpenAI ने अप्रैल में बताया था कि उसके पास ChatGPT के बिजनेस वर्जन के छह लाख यूजर्स हैं। इस स्टार्टअप ने मई में Edu को लॉन्च किया था। OpenAI ने ChatGPT Enterprise को लगभग एक वर्ष पहले अतिरिक्त फीचर्स और प्राइवेसी के लिए सुरक्षा के साथ पेश किया था। इसके साथ OpenAI ने अपने रेवेन्यू को बढ़ाने और AI प्रोडक्ट्स को बनाने की अधिक कॉस्ट का असर घटाने का प्रयास किया था। 

इस वर्ष की शुरुआत में ChatGPT ने छोटी फर्मों के लिए ChatGPT Team को पेश किया था। इसके बाद इसके राइवल्स ने भी इसी तरह की सर्विसेज लॉन्च की थी। OpenAI के बिजनेस यूजर्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, यह पता नहीं चला है कि इसमें से कितने नए यूजर्स हैं। OpenAI के बिजनेस यूजर्स में से लगभग आधे अमेरिका में हैं। इसके अलावा जर्मनी, ब्रिटेन और जापान में इसका चैटबॉट काफी लोकप्रिय है। बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में शामिल Microsoft का ChatGPT में इनवेस्टमेंट है। पिछले वर्ष जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में ChatGPT मेकर OpenAI में इनवेस्टमेंट के जरिए बड़ा कदम उठाने से माइक्रोसॉफ्ट के शेयर में काफी तेजी आई थी। 

बड़ी मात्रा में डेटा के जरिए प्रशिक्षित किए गए जेनरेटिव AI से मनुष्यों के जैसा नया कंटेंट तैयार हो सकता है। इससे साइंस से जुड़े असाइनमेंट पूरे किए जा सकते हैं और नॉवेल भी लिखे जा सकते हैं। हालांकि, जेनरेटिव AI के कई नुकसान भी हैं। इसके इस्तेमाल से ठगी के मामले बढ़ रहे हैं और जाली वीडियो भी बनाए जा रहे हैं। इस वजह से कई देशों में रेगुलेटर्स इसे लेकर सख्ती करने की तैयारी कर रहे हैं। यूरोपियन यूनियन ने अपने AI एक्ट को संशोधित किया है और अमेरिका ने AI रेगुलेशन के लिए कोशिशें शुरू कर दी हैं। 

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Google Pay, PhonePe, Paytm यूजर्स के लिए बड़ी खबर, 1 अक्टूबर से नहीं काम करेगा UPI का ये फीचर
  2. ये हैं टॉप 50 इंच स्मार्ट टीवी, LG से लेकर Acer और Xiaomi टीवी पर डिस्काउंट
  3. अब 15 मिनट पहले भी मिल जाएगी Vande Bharat की टिकट! जानें बुकिंग करने का पूरा प्रोसेस
  4. Vivo ने लॉन्च किया G3 5G, MediaTek Dimensity 6300 चिपसेट, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  5. Infinix Hot 60i 5G भारत में हुआ लॉन्च, 6,000 mAh की बैटरी
  6. 20 हजार वाले Samsung Galaxy A35 5G, Vivo T4 5G और Moto G96 5G जैसे स्मार्टफोन्स पर जबरदस्त डील
  7. Ola Electric ने लॉन्च किया S1 Pro Sport, जानें प्राइस, रेंज
  8. Oppo K13 Turbo Pro की भारत में शुरू हुई बिक्री, जानें प्राइस, ऑफर्स
  9. Google Search में AI मोड भारत में हुआ शुरू, जानें कैसे करें उपयोग
  10. Flipkart Freedom Sale: 7 हजार रुपये सस्ता मिल रहा Google का पिक्सल फोन
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »