• होम
  • इंटरनेट
  • ख़बरें
  • ऑनलाइन रिटेलर्स को सरकार की चेतावनी, कस्टमर्स के साथ धोखाधड़ी नहीं चलेगी

ऑनलाइन रिटेलर्स को सरकार की चेतावनी, कस्टमर्स के साथ धोखाधड़ी नहीं चलेगी

केंद्र सरकार ने कहा कि वह कस्टमर्स के लिए विकल्पों पर बंदिशें लगाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों और गलत प्राइसिंग के खिलाफ है

ऑनलाइन रिटेलर्स को सरकार की चेतावनी, कस्टमर्स के साथ धोखाधड़ी नहीं चलेगी

ई-कॉमर्स कंपनियों पर गलत कारोबारी तरीकों के आरोप लगते रहे हैं

ख़ास बातें
  • विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के पास फंड की कमी नहीं है
  • ये कंपनियां कम प्राइसेज पर बिक्री कर कस्टमर्स को खींचती हैं
  • कुछ व्यापार संगठन इन कंपनियों के कारोबारी तरीकों का विरोध कर चुके हैं
विज्ञापन
पिछले कुछ वर्षों में देश में ऑनलाइन रिटेलर्स का बिजनेस तेजी से बढ़ा है। इसके साथ ही इनके खिलाफ कस्टमर्स के साथ धोखा करने के आरोप भी लगते रहे हैं। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह इन रिटेल प्लेटफॉर्म्स पर फ्लैश सेल्स से चिंतित नहीं है लेकिन वह कस्टमर्स के लिए विकल्पों पर बंदिशें लगाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों और गलत प्राइसिंग के खिलाफ है। 

कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर,  Piyush Goyal ने कहा कि ई-कॉमर्स साइट्स पर फ्लैश सेल्स का फायदा उठाने के लिए खरीदारी करने वाले कस्टमर्स को अक्सर ऐसी एंटीटिज की ओर डायवर्ट किया जाता है जिन्हें ऑनलाइन रिटेलर की ओर से बढ़ावा दिया जाता है। यह धोखाधड़ी है और फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (FDI) रूल्स के खिलाफ है। उनका कहना था, "अगर कोई डिस्काउंट देना चाहता है तो मुझे शिकायत क्यों करनी चाहिए। कस्टमर्स को अच्छा डील मिल रही है तो हमें कोई समस्या नहीं है।" कंज्यूमर मिनिस्ट्री की जिम्मेदारी भी संभालने वाले गोयल ने कहा कि समस्या दो कारणों से है। पहला गुड्स की डंपिंग के जरिए भेदभाव वाली प्राइसिंग और दूसरा कस्टमर्स के विकल्पों को सीमित करना। 

चीन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बहुत कम प्राइसेज पर गुड्स की लंबी अवधि तक डंपिंग से देश में मैन्युफैक्चरिंग को नुकसान होता है और कस्टमर्स को अधिक प्राइसेज पर गुड्स खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है। गोयल का कहना था, "कस्टमर्स सेल्स को लेकर उत्साहित हो सकते हैं लेकिन मुझे कस्टमर्स के लंबी अवधि के हित को देखना होगा। गलत प्राइसिंग या लोगों को धोखा देने के ऐसे तरीकों के हम खिलाफ हैं।" उन्होंने बताया कि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के पास फंड की कमी नहीं है और उनके लिए देश में कुछ अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करना और बड़ा नुकसान उठाना समस्या नहीं है। 

उन्होंने दोहराया कि ई-कॉमर्स कंपनियों और मार्केटप्लेसेज को देश के FDI कानून का पालन करना होगा। गोयल ने कहा कि ये कंपनियां अपने सिंगल ब्रांड प्लेटफॉर्म के तौर पर प्रोडक्ट्स बेच सकती हैं। उन्होंने बताया, "हमें इससे कोई समस्या नहीं है और इसकी अनुमति है लेकिन मार्केटप्लेस मॉडल को सिंगल ब्रांड रिटेल बिजनेस के साथ मिक्स नहीं किया जा सकता।"  इससे पहले कुछ व्यापार संगठन भी ई-कॉमर्स कंपनियों के कारोबारी तरीकों का विरोध कर चुके हैं। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत में 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स डिमांड को Samsung ने दी चुनौती
  2. पाकिस्तानी हैकर्स का भारतीय डिफेंस वेबसाइट्स पर अटैक, कई साइट्स को हैक करने का दावा!
  3. करीब 22 साल बाद बंद हुआ Skype: Microsoft ने यूजर्स को Teams पर शिफ्ट किया, ऐसे बचाएं अपना डेटा
  4. Amazon Great Summer Sale: 2 टन एयर कंडीशनर्स पर भारी डिस्काउंट
  5. OnePlus Nord 5 में मिलेगी 6550mAh की बड़ी बैटरी, जल्द होगा लॉन्च!
  6. Samsung ने शुरू की Galaxy Z Fold 7, Galaxy Z Flip 7 की मैन्युफैक्चरिंग, जुलाई में लॉन्च!
  7. कार की सफाई के लिए Xiaomi ने लॉन्च किया कॉम्पैक्ट और पावरफुल वैक्यूम क्लीनर, जानें कीमत
  8. SRH vs DC Live Streaming: सनराइजर्स हैदराबाद की टक्कर दिल्ली कैपिटल्स से! IPL मैच आज, यहां देखें फ्री!
  9. Amazon Great Summer Sale: कैमरा पर बेस्ट डील्स
  10. Samsung Galaxy S25 Edge: लॉन्च से पहले डिजाइन, बैटरी, कैमरा और कीमत तक ... जानें सबकुछ
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »