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सुप्रीम कोर्ट के बैन के बावजूद एसिड की बिक्री करने पर मुश्किल में फंसी Flipkart

इससे पहले भी ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए कुछ खतरनाक प्रोडक्ट्स की बिक्री के मामले हो चुके हैं। DCW ने इन कंपनियों से प्रतिबंधित आइटम्स को हटाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी मांगी है

सुप्रीम कोर्ट के बैन के बावजूद एसिड की बिक्री करने पर मुश्किल में फंसी Flipkart

कंपनी ने बताया था कि एसिड की बिक्री आगरा की एक फर्म ने की थी

ख़ास बातें
  • पुलिस ने 15 दिसंबर को फ्लिपकार्ट को नोटिस जारी किया था
  • DCW ने भी एमेजॉन और फ्लिपकार्ट को एसिड की बिक्री करने पर नोटिस दिया था
  • सुप्रीम कोर्ट ने एसिड की बिक्री को लेकर कड़े निर्देश दिए हैं
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बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में शामिल Flipkart अपने प्लेटफॉर्म पर कथित तौर पर एसिड की बिक्री को लेकर मुश्किल में फंस गई है। सुप्रीम कोर्ट के बैन के बावजूद एसिड की बिक्री को लेकर दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने फ्लिपकार्ट के एग्जिक्यूटिव्स से पूछताछ की है। पुलिस ने बताया कि इन एग्जिक्यूटिव्स से बुधवार को पूछताछ की गई थी और वे उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। 

पश्चिमी दिल्ली में एक लड़की पर एसिड हमले के मुख्य आरोपी के ई-कॉमर्स वेबसाइट से एसिड खरीदने की जानकारी देने के बाद पुलिस ने 15 दिसंबर को फ्लिपकार्ट को नोटिस जारी किया था। कंपनी ने इसके जवाब में बताया था कि एसिड की बिक्री आगरा की एक फर्म ने की थी। पुलिस ने कहा कि एग्जिक्यूटिव्स से दोबारा पूछताछ करने के बारे में बाद में फैसला किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में दिए गए निर्देशों के अनुसार होम मिनिस्ट्री ने लगभग नौ वर्ष पहले लोगों पर एसिड अटैक रोकने के उपायों और ऐसे मामलों में पीड़ितों के पुनर्वास पर एक एडवाइजरी जारी की थी। 

मिनिस्ट्री ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से एसिड अटैक के मामलों पर रोक लगाने के लिए एडवाइजरी में दिए गए उपायों को तुरंत लागू करने के लिए कहा था। इससे पहले दिल्ली महिला आयोग (DCW) की ओर से भी एमेजॉन और फ्लिपकार्ट को एसिड की बिक्री करने पर नोटिस दिया गया था। DCW ने दोनों कंपनियों को एसिड की उपलब्धता के कारण और उन विक्रेताओं की जानकारी देने को कहा है जो उनकी साइट पर ऐसे खतरनाक एसिड बेचते हैं। नोटिस में DCW ने कहा था, "एसिड की ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर आसानी से उपलब्धता गंभीर चिंता का एक मामला है और इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।" 

इससे पहले भी ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए कुछ खतरनाक प्रोडक्ट्स की बिक्री के मामले हो चुके हैं। DCW ने इन कंपनियों से प्रतिबंधित आइटम्स को हटाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी मांगी है। इससे पहले रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने ई-कॉमर्स कंपनी Amazon ने अपने प्लेटफॉर्म से सीटबेल्ट अलार्म ब्लॉकर्स की लिस्टिंग्स को हटाने को कहा था। इन ब्लॉकर्स से कारों में सीटबेल्ट के लिए अलार्म बंद हो जाता है। कंपनी ने कहा कि ये प्रोडक्ट उसकी वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं होगा। 


(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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