बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में शामिल Infosys के को-फाउंडर, Narayana Murthy ने एक बार फिर दोहराया है कि वह वर्क-लाइफ बैलेंस के कॉन्सेप्ट में विश्वास नहीं रखते। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी और ब्यूरोक्रेट्स देश के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
मूर्ति ने एक
कार्यक्रम में बताया कि Jio Financial Services के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर और नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयरमैन, K V Kamath ने एक बार कहा था कि भारत बहुत अधिक चुनौतियों के साथ एक निर्धन देश है और लोगों को वर्क-लाइफ बैलेंस के बजाय इसके बारे में चिंता करने की जरूरत है। उनका कहना था, "जब प्रधानमंत्री मोदी एक सप्ताह में लगभग 100 घंटे कार्य कर रहे हैं तो हम इसके लिए अपनी प्रशंसा केवल अपने कार्य के जरिए दिखा सकते हैं। कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। अगर आप एक बहुत बुद्धिमान व्यक्ति हैं तो भी आपको कड़ी मेहनत करनी होगी। इस वजह से मैं अपने विचार वापस नहीं ले रहा।"
उन्होंने बताया कि वह रिटायर होने तक सुबह साढ़े छह बजे ऑफिस जाते और रात को 8:40 पर लौटते थे। यह प्रति दिन 14 घंटे और 10 मिनट होते हैं। मूर्ति ने कहा, "उन्हें इस पर गर्व है।" पिछले वर्ष नारायण मूर्ति ने एक सप्ताह में 70 घंटे के वर्क की सलाह दी थी। हालांकि, उनकी इस सलाह पर काफी बहस भी हुई थी। इसका बहुत से लोगों ने विरोध किया था। इसके समर्थन में भी कुछ लोग थे। बहुत से बिजनेस मालिकों ने प्रोडक्टिविटी बढ़ाने की जरूरत पर सहमति जताई थी। हाल ही में इंफोसिस को नए ग्रेजुएट्स की जॉइनिंग को टालने की वजह से आलोचना का सामना करना पड़ा था। सॉफ्टवेयर वर्कर्स की एक यूनियन ने चेतावनी दी थी कि अगर फ्रेशर्स की जॉइनिंग की तिथि को टाला जाता है तो कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद इंफोसिस ने नए वर्कर्स के लिए ज्वाइटिंग लेटर जारी किए थे।
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मेकर Ola Electric के Ola के CEO, Bhavish Aggarwal ने एक सप्ताह में 70 घंटे के वर्क की नारायण मूर्ति की सलाह का समर्थन किया था। अग्रवाल ने कहा था, "नारायण मूर्ति की युवाओं के लिए इस सलाह का मैं पूरी तरह समर्थन करता हूं।" नारायण मूर्ति ने 1981 में अपने साथ के छह
सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल्स की मदद से कंपनी की शुरुआत की थी। इन सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल्स में Nandan M Nilekani भी शामिल थे।