गूगल के वर्कर्स ने की जॉब सिक्योरिटी की डिमांड

पिछले वर्ष अक्टूबर में गूगल की CFO, Anat Ashkenazi ने कहा था कि आगामी वर्ष में उनकी प्रायरिटीज में कॉस्ट को घटाना शामिल होगा

गूगल के वर्कर्स ने की जॉब सिक्योरिटी की डिमांड

कंपनी के 1,250 से अधिक वर्कर्स ने जॉब सिक्योरिटी की डिमांड वाली पेटिशन पर साइन किए हैं

ख़ास बातें
  • कंपनी के वर्कर्स ने जॉब सिक्योरिटी शीर्षक से एक इंटरनल पेटिशन शुरू की है
  • पिछली कुछ तिमाहियों में Amazon सहित बहुत सी टेक कंपनियों ने छंटनी की है
  • गूगल की योजना कॉस्ट को घटाने की है
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अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी Google ने इस वर्ष छंटनी करने की योजना बनाई है। इसे लेकर गूगल के वर्कर्स चिंतित हैं। कंपनी के वर्कर्स ने 'जॉब सिक्योरिटी' शीर्षक वाली एक इंटरनल पेटिशन शुरू की है। पिछली कुछ तिमाहियों में Amazon और Meta सहित बहुत सी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों ने छंटनी की है। 

एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि गूगल के 1,250 से अधिक वर्कर्स ने इस पेटिशन पर साइन किए हैं। इससे कंपनी में छंटनी की आशंका को लेकर वर्कर्स में बढ़ती चिंता का संकेत मिल रहा है। इन वर्कर्स का कहना है कि कंपनी की इस तरह के कदमों से उनकी अच्छी क्वालिटी वाला वर्क करने की क्षमता पर असर पड़ता है और मनोबल कमजोर होता है। इस पेटिशन में कहा गया है, "गूगल में अस्थिरता को लेकर हम चिंतित हैं। इससे उच्च क्वालिटी और प्रभाव वाला वर्क करने की हमारी क्षमता पर असर पड़ा है। छंटनी से जॉब्स को लेकर हम असुरक्षित महसूस करते हैं। कंपनी निश्चित तौर पर मजबूत वित्तीय  स्थिति में है।" 

पिछले वर्ष अक्टूबर में गूगल की CFO, Anat Ashkenazi ने कहा था कि आगामी वर्ष में उनकी प्रायरिटीज में कॉस्ट को घटाना शामिल होगा। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया था कि कॉस्ट में यह कमी किस तरह से की जाएगी। भारत में गूगल के लिए पिछले कुछ वर्षों में मुश्किलें बढ़ी हैं। कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने गूगल को कॉम्पिटिशन विरोधी कारोबारी तरीकों का इस्तेमाल करने का दोषी पाया था। देश में 60 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन्स में से लगभग 97 प्रतिशत एंड्रॉयड पर चलते हैं। यूरोप में लगभग 55 करोड़ स्मार्टफोन्स के लिए यह आंकड़ा लगभग 75 प्रतिशत का है। CCI ने कंपनी को निर्देश दिया था कि उसे ऐप डिवेलपर्स पर ऐसी कोई शर्त नहीं लगानी चाहिए जो अनुचित या भेदभाव वाली हों। 

हाल ही में Google के खिलाफ ऑनलाइन ऐडवर्टाइजिंग में प्रतिस्पर्धा को दबाने के आरोप में अमेरिका में मुकदमा शुरू हुआ था। इस मामले में अभियोजन पक्ष का कहना है कि गूगल ने वेबसाइट्स पर न्यूज के फ्लो और फंड्स पर बड़ा एकाधिकार रखा है। यह प्रति सेकेंड लगभग 1.5 लाख ऑनलाइन ऐड सेल्स करती है। यह मामला बड़ी टेक कंपनियों की ओर से मजबूत स्थिति का गलत इस्तेमाल करने को रोकने के प्रयास के लिए महत्वपूर्ण है। अभियोजन पक्ष ने कहा था कि गूगल ने वेबसाइट ऐडवर्टाइजिंग टूल्स पर मोनोपॉली के लिए एक्विजिशंस के जरिए एक जटिल योजना बनाई है। हालांकि, कंपनी ने इन आरोपों से इनकार किया था। 
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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