पिछले कुछ वर्षों में सायबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (CBI) ने लगभग 117 करोड़ रुपये के सायबर फ्रॉड के मामलों में बुधवार को दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों 10 जगहों पर छापे मारे हैं। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के सायबर क्राइम कोऑर्डिनेशन (I4C) की ओर से एक शिकायत के आधार पर दायर किए गए मामले की जांच के दौरान ये छापे मारे गए हैं।
इस मामले की FIR में आरोप लगाया गया था कि अज्ञात सायबर अपराधियों और संदिग्ध विदेशी अपराधियों ने देश भर में व्यवस्थित तरीके से सायबर फ्रॉड किए हैं। CBI के प्रवक्ता ने बताया, "जांच में यह पता चला है कि विदेश से अपना नेटवर्क चलाने वाले जालसाज वेबसाइट्स और वॉट्सऐप और टेलीग्राम जैसे मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स के जरिए देश में फ्रॉड कर रहे हैं। वे पार्ट-टाइम जॉब और निवेश पर अधिक रिटर्न जैसे लालच देकर लोगों को फंसा रहे हैं।" इन छापों में CBI ने सायबर फ्रॉड के मामलों से जुड़े कुछ सबूत जब्त किए हैं। इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइसेज और फाइनेंशियल रिकॉर्ड शामिल हैं।
हाल ही में टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक
पोस्ट में कुछ विदेशी कोड्स से आने वाली कॉल्स से सतर्क रहने की सलाह दी थी। इन कोड्स में +77, +84, +85, +86 और +89 शामिल हैं। इस पोस्ट में बताया गया था कि DoT और टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की ओर से इस प्रकार की कॉल्स नहीं की जाती। संदिग्ध कॉल्स की रिपोर्ट Sanchar Saathi पोर्टल पर दी जा सकती है। इससे DoT को इन
फोन नंबर्स को ब्लॉक करने में सहायता मिलती है। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष के पहले 10 महीनों में देश में स्कैमर्स ने लगभग 2,140 करोड़ रुपये की ठगी की है।
इससे पहले I4C और DoT ने विदेशी हैकर्स के कम से कम 17,000 वॉट्सऐप एकाउंट्स को ब्लॉक किया था। इसका लक्ष्य विदेशी क्रिमिनल नेटवर्क को नष्ट करना और देश की डिजिटल सुरक्षा को बढ़ाना था। इस वर्ष मई में मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने कंबोडिया, फिलिपींस, लाओस और म्यांमार जैसे दक्षिण पूर्व एशिया के देशों से संगठित सायबरक्राइम में बढ़ोतरी से निपटने के लिए एक इंटर-मिनिस्ट्रियल कमेटी बनाई थी। देश में सायबर फाइनेंशियल फ्रॉड्स का लगभग 45 प्रतिशत दक्षिण पूर्व एशिया से होता है। ये अपराध अधिक जटिल और बड़े हो गए हैं। इससे पीड़ितों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है।
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