अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मेकर टेस्ला जल्द ही भारत में बिजनेस शुरू कर सकती है। कंपनी ने मुंबई में पहला शोरूम खोलने की तैयारी की है। इसके लिए मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में एक कमर्शियल टावर में 4,000 स्क्वेयर फीट का स्पेस लीज पर लिया गया है।
एक मीडिया
रिपोर्ट के अनुसार, इस शोरूम के स्पेस के लिए टेस्ला लगभग 35 लाख रुपये प्रति माह का रेंट चुकाएगी। पिछले महीने प्रधानमंत्री Narendra Modi के अमेरिका दौरे के दौरान
टेस्ला के चीफ Elon Musk ने उनके साथ मीटिंग की थी। टेस्ला की योजना शुरुआत में जर्मनी के बर्लिन में अपनी फैक्टरी से EV का इम्पोर्ट कर सकती है। कंपनी की इलेक्ट्रिक कारों का शुरुआती प्राइस 25,000 डॉलर (लगभग 24 लाख रुपये) का हो सकता है। अगले कुछ वर्षों में देश में कंपनी अपनी फैक्टरी लगा सकती है।
देश में EV की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार नई पॉलिसी पर कार्य कर रही है। पिछले वर्ष मार्च में सरकार ने विशेष शर्तों के साथ EV के इम्पोर्ट पर कस्टम ड्यूटी को घटाकर 15 प्रतिशत किया था। नई EV पॉलिसी में कार मेकर्स के लिए कारोबार शुरू करने के दूसरे वर्ष के अंदर टर्नओवर को 2,500 करोड़ रुपये करने की जरूरत हो सकती है। इसके साथ ही सरकार इम्पोर्ट ड्यूटी में और कमी कर सकती है। पिछले वर्ष पेश की गई पॉलिसी में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने के लिए न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट करने की जरूरत थी। इसमें मैन्युफैक्चरिंग को तीन वर्षों के अंदर शरू किया जाना था। नई EV पॉलिसी की घोषणा इस महीने हो सकती है। इसके लिए मिले आवेदनों को अगले कुछ महीनों में मंजूरी दी जा सकती है।
भारत में इम्पोर्ट के लिए शुरुआत में टेस्ला जर्मनी के बर्लिन में अपनी गीगाफैक्टरी पर निर्भर कर सकती है। इसके बाद कंपनी देश में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करेगी। हाल ही में Bloomberg की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि टेस्ला की योजना शुरुआत में दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री करने की है। हालांकि, यह पता नहीं चला है कि देश में टेस्ला के कौन से मॉडल लाए जाएंगे। कंपनी के पास अमेरिका, चीन और जर्मनी में फैक्टरियां हैं। टेस्ला के लिए अमेरिका और चीन बड़े मार्केट्स हैं।,कंपनी को चाइनीज EV मेकर BYD से कड़ी टक्कर मिल रही है।