बड़ी इलेक्ट्रिक कार मेकर्स में शामिल Tesla की इलेक्ट्रिक क्रॉसओवर मॉडल Y ने दुनिया की सबसे अधिक बिकने वाली कार बन गई है। मौजूदा वर्ष की पहली छमाही में इसने Toyota की Corolla को पीछे छोड़कर पहला स्थान हासिल किया है। पहली तिमाही में Tesla की मॉडल Y की बिक्री लगभग 2,67,000 यूनिट्स की रही। इसकी तुलना में टोयोटा कोरोला और RAV4 की क्रमशः लगभग 2,56,000 और 2,14,700 यूनिट्स बिकी हैं।
ऑटोमोटिव मार्केट रिसर्च फर्म Jato Dynamics ने बताया है कि टेस्ला की मॉडल Y की बिक्री वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 69 प्रतिशत बढ़ी है।
टेस्ला के CEO, Elon Musk ने इस इलेक्ट्रिक कार के लॉन्च से पहले ही इसकी सफलता को लेकर विश्वास जताया था। उन्होंने कहा था कि इसकी प्रत्येक वर्ष 5 से 10 लाख यूनिट्स की बिक्री हो सकती है। हाल ही में
कंपनी ने कहा था कि उसने पहली तिमाही में कस्टमर्स को मॉडल Y और मॉडल 3 कारों की चार लाख से अधिक यूनिट्स की डिलीवरी की है। इस अमेरिकी कंपनी ने पिछले कुछ महीनों में मॉडल Y सहित अपनी इलेक्ट्रिक कारों के प्राइसेज में कमी की है। इसका बिक्री को बढ़ाने में बड़ा योगदान है।
टेस्ला ने भारत में EV की मैन्युफैक्चरिंग करने की योजना भी बनाई है। कंपनी की इस योजना के बारे में केंद्र सरकार की ओर से संकेत दिया गया है। टेस्ला के एग्जिक्यूटिव्स ने इस महीने की शुरुआत में सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ देश में फैक्टरी लगाने पर बातचीत की थी। स्टेट मिनिस्टर फॉर टेक्नोलॉजी Rajeev Chandrasekhar ने Reuters को दिए इंटरव्यू में बताया था, "भारत में प्रोडक्शन और इनोवेशन का बेस बनाने को लेकर टेस्ला गंभीर है। हमने उन्हें संकेत दिया है कि भारत में टेस्ला की महत्वाकाक्षांओं और इनवेस्टमेंट के उद्देश्य को सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार मदद करेगी।"
इससे पहले Reuters ने रिपोर्ट दी थी कि टेस्ला ने भारत में EV बनाने का प्रपोजल दिया है। इसके अलावा वह EV की बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग पर भी विचार कर रही है। यह पूछने पर कि क्या टेस्ला के साथ बातचीत में व्हीकल्स बनाने के अलावा भी विषय शामिल थे, चंद्रशेखर ने कहा था, "जब ऐसी चर्चाएं होती हैं तो आप केवल कारों के बारे में बात नहीं करते। आप कारों, एनर्जी और मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी के बारे में बात करते हैं। ये सब बातचीत में शामिल था।"