पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की बिक्री तेजी से बढ़ी है। ऑटोमोबाइल मार्केट में इससे एक बड़ा बदलाव हुआ है। पिछले वर्ष अमेरिकी EV मेकर Tesla की मॉडल Y दुनिया में सबसे अधिक बिकने वाली कार रही है। जापान की ऑटोमोबाइल कंपनी Toyota की Corolla लगभग दो दशक से इंटरनेशनल मार्केट में सबसे अधिक बिकने वाली कार थी। पिछले वर्ष यह बिक्री के लिहाज से चौथे स्थान पर रही है।
Jato Dynamics के डेटा के अनुसार, पिछले वर्ष
टेस्ला ने मॉडल Y की लगभग 12.2 लाख यूनिट्स बेची हैं। यह वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 64 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। टोयोटा ने कोरोला की बिक्री में लगभग 19 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। पिछले वर्ष टोयोटा की RAV4 लगभग 10.8 लाख यूनिट्स की बिक्री के साथ दूसरी सबसे अधिक बिकने वाली कार रही। इसके बाद Honda की CR-V (8,46,000 यूनिट्स) थी। टेस्ला की मॉडल 3 ने भी सबसे अधिक बिकने वाली 10 कारों में जगह बनाई है।
पिछले महीने टेस्ला को चीन में झटका लगा था।
कंपनी की चीन में शंघाई की फैक्टरी से शिपमेंट्स इस वर्ष तीसरी बार गिरी थी। चीन में टेस्ला के लिए कॉम्पिटिशन लगातार बढ़ रहा है और BYD जैसी कंपनियों की सेल्स में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। चीन की पैसेंजर कार एसोसिएशन के डेटा के अनुसार, मई में टेस्ला की शिपमेंट्स वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 6.6 प्रतिशत घटकर 72,573 यूनिट्स की थी। इसमें चीन में सेल्स और एक्सपोर्ट शामिल है। हालांकि, यह अप्रैल की तुलना में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। चीन में न्यू एनर्जी पैसेंजर व्हीकल की मई में सेल्स लगभग 35 प्रतिशत बढ़कर लगभग 9,10,000 यूनिट्स की रही। इससे यह संकेत मिल रहा है कि EV कंपनियों की ओर से दिए जा रहे डिस्काउंट और सरकारी सब्सिडी से डिमांड मजबूत हुई है।
बिलिनेयर Elon Musk की टेस्ला को विदेश में अपने सबसे बड़े मार्केट चीन में ग्रोथ को बरकरार रखने में संघर्ष करना पड़ रहा है। पिछले महीने BYD की शिपमेंट्स 3,30,488 यूनिट्स की रही थी। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। इसके अलावा Nio Inc, Xpeng और Li Auto की बिक्री भी बढ़ी है। इलेक्ट्रिक कारों के प्राइसेज घटाने के बावजूद टेस्ला की सेल्स नहीं बढ़ रही है। इस वजह से मस्क ने कंपनी में छंटनी करने का फैसला किया है।