बड़े मार्केट्स में सेल्स घटने की वजह से टेस्ला ने भारत जैसे नए मार्केट्स में बिजनेस शुरू किया है। हाल ही में कंपनी ने देश में अपना पहला शोरूम मुंबई में खोला था
इन चिप्स का इस्तेमाल टेस्ला के EVs में फुल सेल्फ-ड्राइविंग (FSD) और अन्य सिस्टम्स में होगा
बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल ( EV) कंपनियों में शामिल Tesla ने नेक्स्ट जेनरेशन चिप्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए Samsung Electronics के साथ डील की है। इस डील की वैल्यू 16.5 अरब डॉलर (लगभग 1.42 लाख करोड़ रुपये) की है। सैमसंग की फाउंड्री डिविजन अमेरिका के टेक्सस में अपनी फैक्टरी में AI6 चिप्स की मैन्युफैक्चरिंग करेगी। इन चिप्स का इस्तेमाल बिलिनेयर Elon Musk की टेस्ला के EVs में फुल सेल्फ-ड्राइविंग (FSD) और अन्य सिस्टम्स में किया जाएगा।
पिछले कुछ वर्षों से टेस्ला के इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में फुल सेल्फ-ड्राइविंग का फीचर लाने की तैयारी की जा रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में मस्क ने बताया कि टेस्ला ने सैमसंग के साथ स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप की है। इस पार्टनरशिप के तहत, सैमसंग की फाउंड्री डिविजन की टेक्सस की फैक्टरी में AI6 चिप्स की मैन्युफैक्चरिंग की जाएगी। मस्क की इस कंपनी के लिए सैमसंग पहले से AI4 चिप्स बना रही है। इन चिप्स का इस्तेमाल कंपनी के EVs में FSD और अन्य सेंसर सिस्टम्स में होता है।
टेस्ला को चिप्स की मैन्युफैक्चरिंग की एफिशिएंसी को बढ़ाने के लिए सैमसंग की सहायता करने की भी अनुमति दी गई है। इस प्रोसेस की मस्क निगरानी करेंगे। दोनों कंपनियों के बीच इस डील पर पिछले सप्ताह साइन किए गए थे। यह डील अगले सात वर्षों तक चलेगी। टेस्ला के इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में FSD का फीचर उपलब्ध कराने से बिक्री की रफ्तार बढ़ सकती है। पिछले कुछ वर्षों में टेस्ला के लिए EVs के मार्केट में कॉम्पिटिशन बढ़ा है। कंपनी के बड़े मार्केट्स में शामिल अमेरिका में टैरिफ को लेकर आशंका और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर टैक्स क्रेडिट समाप्त होने की आशंका से डिमांड घटी है। चीन की BYD और कुछ अन्य EV मेकर्स ने इसे कड़ी टक्कर मिल रही है।
बड़े मार्केट्स में सेल्स घटने की वजह से टेस्ला ने भारत जैसे नए मार्केट्स में बिजनेस शुरू किया है। हाल ही में कंपनी ने देश में अपना पहला शोरूम मुंबई में खोला था। हालांकि, शुरुआत में यह केवल अपने Model Y की बिक्री कर रही है। इसके लिए बुकिंग शुरू हो गई है। कंपनी के मॉडल Y का चीन में शंघाई की इसकी फैक्टरी से इम्पोर्ट किया गया है। हालांकि, देश में इम्पोर्ट ड्यूटी अधिक होने के कारण महंगे प्राइसेज से टेस्ला की बिक्री पर असर पड़ सकता है।
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