पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की बिक्री तेजी से बढ़ी है। ग्लोबल EV कंपनी Tesla ने भारत में बिजनेस शुरू करने की तैयारी की है। कंपनी ने अपनी इलेक्ट्रिक कारों के लिए इम्पोर्ट टैक्स को घटाने की मांग की है। हालांकि, केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया था कि इस टैक्स को घटाने पर विचार नहीं किया जा रहा।
टेस्ला को सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने और EV की मैन्युफैक्चरिंग करने के लिए कहा है। Financial Times की एक
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार इम्पोर्ट टैरिफ को घटाने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो दूनिया के सबसे अमीर व्यक्ति Elon Musk की इस कंपनी को देश में जल्द बिजनेस शुरू करने का प्रोत्साहन मिल सकता है। इस रिपोर्ट में एक सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि
टेस्ला ने सरकार से शुरुआत में इम्पोर्ट टैरिफ में छूट का निवेदन किया है जिससे वह कम्प्लीटली बिल्ट यूनिट (CBU) कारों के इम्पोर्ट पर 70 प्रतिशत की कस्टम्स ड्यूटी के बोझ को कुछ घटा सके।
हालांकि, सरकार के इस तरह के किसी फैसले से टेस्ला के अलावा ऐसी सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों को आसानी हो सकती है जो देश में EV का इम्पोर्ट करती है। टेस्ला ने भारत से 1.7-1.9 अरब डॉलर के कंपोनेंट्स खरीदने की योजना बनाई है। हाल ही में ट्रेड मिनिस्टर Piyush Goyal ने बताया था, "पिछले वर्ष टेस्ला ने देश से लगभग एक अरब डॉलर के कंपोनेंट्स खरीदे थे। मेरे पास उन कंपनियों की लिस्ट है जिन्होंने टेस्ला को कंपोनेंट्स की सप्लाई की है। इस वर्ष टेस्ला का टारगेट 1.7-1.9 अरब डॉलर के कंपोनेंट्स खरीदने का है।"
कंपनी के सीनियर एग्जिक्यूटिव्स ने देश में फैक्टरी लगाने की योजना के बारे में गोयल के साथ मीटिंग भी की थी। इस फैक्टरी में बनने वाले EV का प्राइस लगभग 24,000 डॉलर का हो सकता है। टेस्ला की देश में यूनिट Tesla India Motor and Energy ने महाराष्ट्र में पुणे के विमान नगर में एक ऑफिस स्पेस लीज पर लिया है। कंपनी ने लगभग दो वर्ष पहले बेंगलुरु में अपनी सब्सिडियरी को रजिस्टर्ड कराया था। टेस्ला अपने बैटरी स्टोरेज सिस्टम के लिए भी देश में कस्टमर्स की तलाश करना चाहती है। पिछली कुछ तिमाहियों से मस्क की ओर से मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।