मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से चौथे सबसे बड़े स्टेबलकॉइन TerraUSD की वैल्यू मंगलवार को लगभग एक-तिहाई घट गई। इससे क्रिप्टो इनवेस्टर्स में डर का माहौल है। सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के 10 महीनों में पहली बार 30,000 डॉलर से नीचे जाने का भी यह एक कारण रहा।
स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं। ये ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल होते हैं जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट करना शामिल होता है। USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं, जो अमेरिकी डॉलर से जुड़े हैं। क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है। इसका इस्तेमाल अक्सर ट्रेडर्स की ओर से फंड भेजने के लिए किया जाता है। प्रमुख स्टेबलकॉइन्स को बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के लिए एक्सचेंज करना आसान है। एल्गोरिद्मिक स्टेबलकॉइन कहे जाने वाले TerraUSD ने मंगलवार को डॉलर के साथ अपने 1:1 के जुड़ाव को तोड़ दिया। प्राइस साइट Coingecko के
अनुसार, यह 0.67 डॉलर तक गिर गया।
अन्य स्टेबलकॉइन्स का सामान्य एसेट्स में रिजर्व होता है लेकिन TerraUSD इसे एक एल्गोरिद्म के जरिए बरकरार रखता है, जो एक अन्य बैलेंसिंग टोकन Luna के इस्तेमाल से सप्लाई और डिमांड को नियंत्रित रखती है। Luna Foundation Guard ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा था कि वह TerraUSD के डॉलर के साथ जुड़ाव को ओवर-द-काउंटर ट्रेडिंग फर्मों को 1.5 अरब डॉलर के लोन के जरिए बरकरार रखेगी। इस लोन में से आधा बिटकॉइन और आधा TerraUSD में होगा। डिजिटल एसेट्स के बिजनेस से जुड़े Amber Group के सेल्स डायरेक्टर Justin Anethan ने बताया कि रिजर्व के तौर पर बिटकॉइन का इस्तेमाल करने से TerraUSD के लिए मुश्किल बढ़ी है। दोनों टोकन में बिकवाली के कारण गिरावट आ रही है।
बिटकॉइन का प्राइस मंगलवार को 10 महीनों में पहली बार 30,000 डॉलर से नीचे चला गया। इसके साथ ही टेक्नोलॉजी कंपनियों के शेयर्स में भी गिरावट आई है। बिटकॉइन में गिरावट से TerraUSD में भी बिकवाली हो रही है। QCP Capital ने कहा कि बिटकॉइन एक महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल पर है। इसमें गिरावट और अन्य कारणों से TerraUSD के लिए रिस्क बढ़ सकता है।
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