अमेरिकी बिजनेस इंटेलिजेंस फर्म MicroStrategy ने क्रिप्टो मार्केट में गिरावट के वोलैटिलिटी के बावजूद और बिटकॉइन खरीदने पर लगभग 1 करोड़ डॉलर खर्च किए हैं। MicroStrategy के पास बिटकॉइन की संख्या लगभग 1,30,000 हो गई है। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से इस सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी का प्राइस गिरकर 19,000 डॉलर से कुछ अधिक पर है।
MicroStrategy ने अमेरिका के सिक्योरिटीज एक्सचेंज कमीशन ( SEC) को दी
फाइलिंग में प्रति बिटकॉइन 20,817 डॉलर के औसत प्राइस पर 480 बिटकॉइन खरीदने की जानकारी दी है। फर्म को बिटकॉइन की कुल होल्डिंग पर 1.3 अरब डॉलर का नुकसान है। पिछले वर्ष नवंबर में बिटकॉइन का प्राइस लगभग 69,000 डॉलर के हाई लेवल पर पहुंचा था। फर्म के चीफ टेक्निकल ऑफिसर Phong Lee ने पिछले महीने शेयरहोल्डर्स को बताया था कि बिटकॉइन का प्राइस अगर 21,000 डॉलर से नीचे जाता है तो फर्म को 20.5 करोड़ डॉलर के एक लोन पर मार्जिन कॉल का सामना करना पड़ेगा। यह लोन मार्च में और बिटकॉइन खरीदने के लिए MicroStrategy ने लिया था।
मार्जिन कॉल मिलने से फर्म को शेयरहोल्डर्स को और नुकसान से बचाने के लिए अपनी बिटकॉइन होल्डिंग को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। हालांकि, MicroStrategy के CEO Micheal Saylor क्रिप्टो मार्केट में पिछले कुछ सप्ताह से गिरावट को लेकर चिंतित नहीं हैं। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में ट्विटर पर एक पोस्ट में बताया था कि कंपनी को वोलैटिलिटी का अनुमान था और इससे निपटने के लिए बैलेंस शीट के स्ट्रक्चर में बदलाव किया गया है।
बिटकॉइन का प्राइस गिरने और कुछ अन्य कारणों से बिटकॉइन माइनर्स अपनी क्रिप्टोकरेंसी होल्डिंग्स बेच रहे हैं। क्रिप्टो एक्सचेंजों पर माइनर्स की ओर से की जाने वाली बिक्री 7 जून के बाद से तेजी से बढ़ी है। इससे
माइनर्स के अपनी क्रिप्टो होल्डिंग्स बेचकर फंड जुटाने का संकेत मिल रहा है। लिस्टेड बिटकॉइन माइनिंग फर्मों ने मई में बिटकॉइन की वैल्यू 45 प्रतिशत घटने के कारण अपने पूरे आउटपुट से अधिक की बिक्री की है। बिटकॉइन माइनर्स कंप्यूटर्स के नेटवर्क चलाकर ब्लॉकचेन्स पर ट्रांजैक्शंस को वैलिडेट करते हैं जिससे उन्हें टोकन हासिल होते हैं। इन माइनर्स के पास बिटकॉइन की बड़ी होल्डिंग होती है। माइनर्स के पास लगभग 8 लाख बिटकॉइन हैं। पिछले वर्ष बिटकॉइन की वैल्यू तेजी से चढ़ने के कारण क्रिप्टो माइनिंग करने वालों की संख्या भी बढ़ी थी। हालांकि, इससे मार्जिन में कमी आई है।