पिछले कुछ दिनों से क्रिप्टो मार्केट में वोलैटिलिटी है। अमेरिकी प्रेसिडेंट Donlad Trump के टैरिफ से जुड़े सख्त फैसलों का मार्केट पर बड़ा असर पड़ा है। हालांकि, फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट को घटाने का संकेत देने से मार्केट में कुछ रिकवरी हुई थी। सबसे अधिक मार्केट वैल्यू वाली क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में शुक्रवार को लगभग दो प्रतिशत की गिरावट थी।
इस रिपोर्ट को पब्लिश किए जाने पर इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज
Binance पर बिटकॉइन का प्राइस 1.98 प्रतिशत घटकर लगभग 84,240 डॉलर पर था। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में लगभग 1.80 प्रतिशत का नुकसान था। Ether का प्राइस घटकर लगभग 1,972 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। गिरावट वाली अन्य क्रिप्टोकरेंसीज में Solana, Polkadot, XRP, Cardano, BNB और Cronos शामिल थे। पिछले एक दिन में क्रिप्टोकरेंसीज का मार्केट कैपिटलाइजेशन एक प्रतिशत से ज्यादा गिरकर लगभग 2.75 लाख करोड़ डॉलर पर था।
मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि
बिटकॉइन में ब्रेकआउट के लिए जरूरी मूवमेंट नहीं है। बिटकॉइन के लिए 80,000 डॉलर पर सपोर्ट है। Ether एक रेंज में ट्रेड कर रहा है। यह मार्केट में वोलैटिलिटी बढ़ने का संकेत है। अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर ट्रंप की अगुवाई वाली सरकार के समर्थन के बावजूद इस मार्केट में गिरावट है। हाल ही में ट्रंप ने व्हाइट हाउस में क्रिप्टो समिट का आयोजन किया था। इसमें अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) की क्रिप्टो टास्क फोर्स को क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े रेगुलेशंस बनाने का निर्देश दिया गया था। इस समिट में क्रिप्टो से जुड़ी फर्मों के सीनियर एग्जिक्यूटिव्स के अलावा ट्रंप सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और सांसद भी शामिल हुए थे। इस इवेंट में ट्रंप ने कहा था कि पूर्व की Biden सरकार का बड़ी संख्या में Bitcoin को बेचने का फैसला "बेवकूफी" वाला था। उनका कहना था कि इस सेगमेंट के खिलाफ ब्यूरोक्रेसी की लड़ाई को समाप्त किया जाएगा।
ट्रंप ने बताया था, "पिछले कुछ वर्षों में अमेरिकी सरकार ने बेवकूफी वाले तरीके से हजारों बिटकॉइन को बेचा है जिनकी वैल्यू अरबों डॉलर की थी। यह बाइडेन सरकार के दौरान हुआ था।" इससे पहले ट्रंप ने क्रिप्टोकरेंसीज का रिजर्व बनाने की भी घोषणा की थी। हालांकि, इस रिजर्व के लिए बिटकॉइन की नई खरीदारी नहीं की जाएगी। इसमें अमेरिकी सरकार की ओर से जब्त किए गए बिटकॉइन शामिल होंगे।