मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में बुधवार को लगभग 0.62 प्रतिशत का नुकसान था। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 67,095 डॉलर और भारतीय एक्सचेंजों पर लगभग 68,029 डॉलर का था। अमेरिका में प्रेसिडेंट के चुनाव से पहले क्रिप्टो मार्केट में वोलैटिलिटी है।
दूसरी सबसे बड़ी Ether में 1.14 प्रतिशत की गिरावट थी। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर
Ether का प्राइस 1.14 प्रतिशत घटकर 2,613 डॉलर और भारतीय एक्सचेंजों पर लगभग 2,657 डॉलर पर था। इसके अलावा Solana और Cardano के प्राइस भी घटे हैं। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 0.75 प्रतिशत घटकर लगभग 2.31 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो एक्सचेंज BuyUcoin के CEO, Avinash Shekhar ने Gadgets360 को बताया, "पिछले एक दिन में बिटकॉइन में मामूली गिरावट हुई है। हालांकि, क्रिप्टो मार्केट बढ़ रहा है। पिछले सप्ताह Bitcoin और Ethereum के ETFs में लगभग 2.2 अरब डॉलर का इनफ्लो हुआ है। इससे इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की इस सेगमेंट में बढ़ती दिलचस्पी का संकेत मिला है। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के लिए नजरिया सकारात्मक है।" देश में अधिक टैक्स होने के बावजूद इनवेस्टर्स की क्रिप्टोकरेंसीज में दिलचस्पी बढ़ रही है। यह लगातार दूसरा वर्ष है जिसमें
क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट को लेकर दुनिया में भारत की हाई रैकिंग है। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में रेगुलेटर्स ने इस सेगमेंट की कुछ फर्मों के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं।
हाल ही में ब्लॉकचेन एनालिटिक्स फर्म Chainalysis ने एक रिपोर्ट में बताया है कि पिछले वर्ष जून से इस वर्ष जुलाई के बीच सेंट्रलाइज्ड एक्सचेंज और डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस एसेट्स का देश में इस्तेमाल बढ़ा है। देश में 2018 से क्रिप्टो सेगमेंट के खिलाफ केंद्र सरकार ने कड़ा रुख रखा है। पिछले वर्ष के अंत में नियमों का पालन नहीं करने की वजह से नौ ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंजों को फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Binance को देश में 772 करोड़ रुपये के GST का भुगतान करने का नोटिस मिला था। इसके बाद Binance ने देश के कानूनों का पालन करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया था। इस अमेरिकी एक्सचेंज को डायरेक्टरेट जनरल ऑफ GST इंटेलिजेंस (DGGI) ने नोटिस जारी किया गया था। इस वर्ष की शुरुआत में Binance के बिजनेस पर देश में अस्थायी तौर पर रोक लगाई गई थी। इसका कारण FIU के पास इस एक्सचेंज का रजिस्ट्रेशन नहीं होना था।