मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin ने गुरुवार को दोबारा एक लाख डॉलर का लेवल पार किया। अमेरिका में इन्फ्लेशन के डेटा से फेडरल रिजर्व की ओर से इंटरेस्ट रेट में कमी की संभावना है। इससे बिटकॉइन में तेजी आई है। अमेरिका में प्रेसिडेंट के चुनाव में Donald Trump की जीत के बाद क्रिप्टो मार्केट में काफी तेजी आई थी। बिटकॉइन ने भी लगातार नए हाई बनाए थे।
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क्रिप्टोकरेंसी ने हाल ही में लगभग 1,03,800 डॉलर का उच्च स्तर छुआ था। हालांकि, इसके बाद प्रॉफिट बुकिंग की वजह से इसमें काफी गिरावट हुई थी। फेडरल रिजर्व के रेट कट की संभावना से इसमें तेजी आई है। क्रिप्टो एक्सचेंज Binance पर इस रिपोर्ट को लिखे जाने पर बिटकॉइन का प्राइस 2.90 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 1,00,754 डॉलर पर था। क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन भी चार प्रतिशत से अधिक बढ़कर 3.60 लाख करोड़ डॉलर से अधिक का था। इस मार्केट में बिटकॉइन की हिस्सेदारी 55 प्रतिशत से अधिक है। इस सेगमेंट में इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी भी बढ़ी है। सॉफ्टवेयर कंपनी Microstrategy ने अपनी बिटकॉइन की होल्डिंग को बढ़ाया है।
इस कंपनी ने हाल ही में अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) को एक फाइलिंग में बताया था कि उसने 2 से 8 दिसंबर के बीच लगभग 21,550 बिटकॉइन लगभग 2.1 अरब डॉलर में खरीदे हैं। इसके लिए प्रति बिटकॉइन 98,783 डॉलर का औसत प्राइस दिया गया है। कंपनी ने इस खरीदारी के लिए दो अरब डॉलर से ज्यादा के शेयर्स की बिक्री की है। माइक्रोस्ट्रैटेजी के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन, Michael Saylor ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में बताया था कि कंपनी के पास कुल 4,23,650 बिटकॉइन हैं। इसके लिए कंपनी की प्रति
बिटकॉइन औसत कॉस्ट लगभग 60,324 डॉलर की है। हालांकि, एक अन्य सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने इसमें इनवेस्टमेंट नहीं करने का फैसला किया है।
चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने क्रिप्टोकरेंसीज के लिए सख्त रेगुलेशन नहीं बनाने का संकेत दिया था। उन्होंने क्रिप्टो के समर्थक Paul Atkins को SEC का नया चीफ नियुक्त किया है। इससे अगले वर्ष की शुरुआत में अमेरिका में ट्रंप की अगुवाई वाली नई सरकार के कार्यभार संभालने पर क्रिप्टो के पक्ष में पॉलिसी बनाए जाने की संभावना बढ़ी है। अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट करन् वालों की बड़ी संख्या है।