इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस घटकर 57,854 डॉलर और CoinSwitch जैसे भारतीय एक्सचेंजों पर लगभग 60,708 डॉलर का था। अमेरिका में प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (PPI) और बेरोजगारी की दर अनुमान से अधिक रहने से भी क्रिप्टो मार्केट में वोलैटिलिटी बढ़ी है। देश में अधिक टैक्स होने के बावजूद इनवेस्टर्स की क्रिप्टोकरेंसीज में दिलचस्पी बढ़ रही है
Bitcoin में इंटरनेशनल और भारतीय एक्सचेंजों पर 0.42 प्रतिशत से लेकर लगभग 1.20 प्रतिशत का नुकसान था। CoinSwitch जैसे भारतीय एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 59,315 डॉलर और इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर लगभग 56,490 डॉलर का था। क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 0.51 प्रतिशत घटकर लगभग 1.99 लाख करोड़ डॉलर पर था
मौजूदा वर्ष की पहली छमाही में इंटरनेशनल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का कैपिटलाइजेशन लगभग 44 प्रतिशत बढ़कर 720 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस वर्ष की शुरुआत में बिटकॉइन ETFs के लॉन्च से इस सेगमेंट की ग्रोथ तेजी से बढ़ी है
अमेरिका में प्रेसिडेंट के चुनाव में उम्मीदवार Donald Trump और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मेकर Tesla के CEO, Elon Musk के बीच हुई चर्चा में क्रिप्टो सेगमेंट के लिए रेगुलेशंस का जिक्र नहीं होने से भी क्रिप्टो मार्केट को निराशा हुई है
बिटकॉइन ने 5 मई को ब्लॉक नंबर 8,42,241 पर एक अरब ट्रांजैक्शंस पूरी की थी। बिटकॉइन डैशबोर्ड के अनुसार, 7 मई को बिटकॉइन की कुल ट्रांजैक्शंस 1,000,701,505 थी
बिटकॉइन ने 5 मई को ब्लॉक नंबर 8,42,241 पर एक अरब ट्रांजैक्शंस को पूरा किया था। Clark Moody के बिटकॉइन डैशबोर्ड के अनुसार, 7 मई को बिटकॉइन की कुल ट्रांजैक्शंस 1,000,701,505 थी
जापान का सबसे बड़ा पेंशन फंड भी अपने इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइ करने के लिए बिटकॉइन में इनवेस्टमेंट करने पर विचार कर रहा है। हाल ही में बिटकॉइन ने 73,000 डॉलर से अधिक का हाई लेवल बनाया था
पिछले सप्ताह JP Morgan की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि इन्फ्लेशन बढ़ने, सप्लाई चेन की मुश्किलों और रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध से भारत की सॉफ्टवेयर कंपनियों की ग्रोथ पर लगाम लग सकती है
बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसीज में तेजी आने का बड़ा कारण इंटरेस्ट रेट्स में बढ़ोतरी का असर और अमेरिका में बैंकिंग सिस्टम में मुश्किलें हैं। पिछले एक दिन में बिटकॉइन की वैल्यू 1,661 डॉलर बढ़ी है
एपल ने फरवरी में बताया था कि उसके Mac कंप्यूटर्स की बिक्री महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम की वजह से तेजी से बढ़ी थी। इसमें पिछली तिमाही में वैल्यू के लिहाज से वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 29 प्रतिशत की कमी हुई है