Apple की Vision Pro को चीन में लॉन्च करने की तैयारी, अलग हो सकती है ब्रांडिंग
Apple की Vision Pro को चीन में लॉन्च करने की तैयारी, अलग हो सकती है ब्रांडिंग
चीन की बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में शामिल Huawei के पास वहां ' Vision Pro' का ट्रेडमार्क है। इसका मतलब है कि एपल को किसी अलग ब्रांडिंग से इस हेडसेट को लाना होगा
अमेरिका में इसकी बिक्री दो लाख यूनिट्स से अधिक हो गई है
ख़ास बातें
Vision Pro को अप्रैल में चीन में बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है
एपल की योजना मौजूदा वर्ष में इसकी लगभग पांच लाख यूनिट्स की शिपमेंट की है
चीन के स्मार्टफोन मार्केट में एपल को Huawei ने कड़ी टक्कर मिल रही है
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अमेरिकी डिवाइसेज मेकर Apple ने पिछले सप्ताह मिक्स्ड रिएलिटी हेडसेट Vision Pro को लॉन्च किया था। अमेरिका में इसकी बिक्री दो लाख यूनिट्स से अधिक हो गई है। यह लगभग एक दशक पहले Apple Watch के बाद से कंपनी का एक नई प्रोडक्ट कैटेगरी में पहला लॉन्च है। इसे जल्द चीन में पेश किया जा सकता है।
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि Vision Pro को अप्रैल में चीन में बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है। यह जानकारी सप्लाई चेन के सूत्रों के हवाले से दी गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की इंडस्ट्री एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री के पास इस डिवाइस का रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है। एपल के प्रोडक्ट्स को ट्रैक करने वाले Bloomberg के Mark Gurman ने पिछले महीने रिपोर्ट दी थी कि Vision Pro को अमेरिका में लॉन्च के बाद चीन सहित कुछ अन्य देशों में पेश किया जा सकता है। एपल की योजना मौजूदा वर्ष में इसकी लगभग पांच लाख यूनिट्स की शिपमेंट की है।
हालांकि, चीन में इस AR/VR हेडसेट के साथ कुछ मुश्किलें हो सकती हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन की बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में शामिल Huawei के पास वहां ' Vision Pro'ट्रेडमार्क है। इसका मतलब है कि एपल को किसी अलग ब्रांडिंग से इस हेडसेट को लाना होगा। ऐसा बताया जा रहा है कि Huawei अपना VR हेडसेट लाने पर कार्य कर रही है। इस वर्ष के अंत तक इसे चीन में लॉन्च किया जा सकता है। चीन के स्मार्टफोन मार्केट में एपल के मार्केट शेयर में भी Huawei ने सेंध लगाई है। एपल के iPhone 15 की तुलना में Huawei के स्मार्टफोन्स की लोकप्रियता बढ़ी है।
कंपनी की चीन में iPhone की सेल्स पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में 2.1 प्रतिशत घटी है। एपल को चीन में सरकार की ओर से की सख्ती का सामना भी करना पड़ रहा है। इसके लिए चीन तीसरा सबसे बड़ा मार्केट है। चीन में सरकारी एजेंसियों और कुछ कंपनियों ने अपने एंप्लॉयीज पर एपल के डिवाइसेज का इस्तेमाल करने की रोक लगाई गई है। इससे पहले अमेरिकी सरकार ने सिक्योरिटी के कारणों से कुछ चाइनीज ऐप्स पर बंदिशें लगाई थी। Huawei के अमेरिका में बिजनेस पर भी असर पड़ा था।
Manas MitulManas Mitul को ईमेल करें
In his time as a journalist, Manas Mitul has written on a wide spectrum of beats including politics, culture and sports. He enjoys reading, walking around in museums ...और भी