यूरोपियन स्पेस एजेंसी का कहना है कि मंगल पर वायुमंडल की एक पतली परत जरूर पाई जाती है। यह कम ऊर्जा वाले कणों को सतह पर पहुंचने से रोक लेती है, जबकि ज्यादा ऊर्जा वाले सौर कणों को धीमा कर देती है।
नेशनल ओशनिक एंड एटमॉसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने G1 श्रेणी के कम प्रभावशाली सौर तूफान के धरती तक पहुंचने का अलर्ट जारी किया है, जिसमें अब काफी देरी हो चुकी है।
Solar storm Alert : आज सूर्य में 5 अलग-अलग सनस्पॉट दिखाई दिए हैं। इनका फोकस पृथ्वी की तरह है। अगर सूर्य में कोई विस्फोट होता है, तो उसका असर पृथ्वी तक देखने को मिल सकता है।
सूरज में ये गड्ढे 28 नवंबर को देखे गए थे जो आने वाले कई दिनों तक धरती पर अपना प्रभाव डाल सकते हैं। इस बार खतरा इसलिए ज्यादा बताया गया है क्योंकि ये जियोमेग्नेटिक तूफान सीधे पृथ्वी की दिशा में उठे हैं।
Solar Storm Alert! : सूर्य में दिखाई दे रहा कोरोनल होल एक विशाल सौर खाड़ी (Solar Gulf) है, जो सूर्य के बीचोंबीच फैली है। यह सूर्य के ऊपरी वायुमंडल का क्षेत्र है, जो सूर्य के बाकी क्षेत्र के तुलना में कम गर्म होता है।
Solar storm : एक सौर तूफान के पृथ्वी से टकराने से हमारे ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र में छेद हो गया। इसकी वजह से नॉर्वे के आसमान में बेहद रेयर ‘गुलाबी अरोरा’ का ‘विस्फोट’ हुआ।
पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले सैटेलाइट्स ने रविवार को सूर्य के उत्तरपूर्वी क्षेत्र में एक विस्फोट की खोज की, जो सौर ज्वालाओं के साथ जुड़ने पर एक भू-चुंबकीय तूफान का कारण बन सकता है।