सूर्य में हो रही हलचलों का असर पृथ्वी पर पड़ रहा है। कल ही एक रिपोर्ट में हमने आपको बताया था कि सूर्य से निकले सोलर फ्लेयर्स (Solar Flares) के कारण न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में अस्थायी रेडियो ब्लैकआउट हो गया था। एक नई जानकारी में पता चला है कि एक सौर तूफान (Solar Storm) के पृथ्वी से टकराने से हमारे ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) में छेद हो गया। इसकी वजह से हाल ही में नॉर्वे (Norway) के आसमान में बेहद रेयर ‘गुलाबी अरोरा' (pink auroras) का ‘विस्फोट' हुआ। इसने आसमान को रोशन कर दिया। बताया जाता है कि इस सौर तूफान की वजह से हाई-एनर्जेटिक सोलर पार्टिकल्स पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश कर गए। इससे आसमान में रंगीन रोशनी बिखरनी शुरू हो गई। ऐसा लगा मानो शाम में दिन हो गया है।
तस्वीर में दिख रही गुलाबी लाइट 3 नवंबर को नॉर्वे में ट्रोम्सो के पास कैप्चर की गई। स्पेसडॉटकॉम की
रिपोर्ट के अनुसार, शाम लगभग 6 बजे ऑरोरा दिखने शुरू हुए। करीब 2 मिनट तक यह नजारा देखा गया। लोगों ने बताया कि उन्होंने इससे चमकदार गुलाबी ऑरोरा आजतक नहीं देखे हैं।
बताया जाता है कि पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर (magnetosphere) में एक छोटी सी दरार आने के तुरंत बाद गुलाबी ऑरोरा उभरा। 3 नवंबर की इस घटना के दिन ही वैज्ञानिकों ने एक
सौर तूफान के पृथ्वी से टकराने का पता लगाया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑरोरा तब बनते हैं जब बहुत अधिक एनर्जेटिक पार्टिकल्स की धाराएं मैग्नेटोस्फीयर के चारों ओर से गुजरती हैं। सौर तूफान के साथ आने वाले इन पार्टिकल्स से पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र हमें बचाता है, लेकिन उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर चुंबकीय क्षेत्र कमजोर है। इस वजह से वहां ऑरोरा चमकने लगते हैं।
ऑरोरा आमतौर पर हरे रंग के दिखाई देते हैं। ऐसा हमारे ग्रह पर मौजूद ऑक्सीजन की वजह से होता है। लेकिन हाल में आए सौर तूफान के कारण गुलाबी रंग के ऑरोरा देखे गए क्योंकि सौर हवाएं हमारे वायुमंडल में 62 मील तक नीचे पहुंच गई थीं। वहां नाइट्रोजन सबसे अधिक है। इस वजह से गुलाबी ऑरोरा नजर आए। सूर्य में हो रही इन हलचलों का दौर अभी जारी रहेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) पहले ही बता चुकी है कि सूर्य में साल 2025 तक मैक्सिमम एक्टिविटी देखने को मिलेगी।