सूर्य से इन दिनों लगातार सौर हवाएं चल रही हैं जो पृथ्वी के लिए खतरा बनी हुई हैं। इसकी सतह पर लगातार बड़े विस्फोट हो रहे हैं। हाल ही में सूर्य में हुए एक धमाके से उठा बड़ा सौर तूफान पृथ्वी तक पहुंचने की चेतावनी नासा की ओर से जारी की गई। यह पृथ्वी पर 28 अप्रैल को पहुंचने वाला था। लेकिन अभी तक नहीं पहुंचा है। सौर तूफान के धरती तक पहुंचने में हो रही देरी ने वैज्ञानिकों को डरा दिया है। क्या वैज्ञानिक किसी बड़ी तबाही का संकेत दे रहे हैं? आईए जानते हैं।
कुछ दिनों पहले एक बड़ा सौर तूफान पृथ्वी से टकराया था जिसने यहां पर कई हिस्सों में रेडियो ब्लैकआउट कर दिया था। ऐसे ही एक और सौर तूफान की धरती तक पहुंचने की चेतावनी हाल ही में जारी की गई थी।
NASA की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी (
SDO) ने सूर्य की ओर से एक बड़ा सौर तूफान 28 अप्रैल को धरती से टकराने की
चेतावनी जारी की थी। लेकिन यह अभी तक नहीं पहुंच पाया है। इसके पहुंचने में हो रही देरी ने वैज्ञानिकों को डरा दिया है। क्या है इसके पीछे की वजह? अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि सौर तूफान का बीच में ही रुक जाना खतरनाक हो सकता है।
स्पेसवेदर की
रिपोर्ट के मुताबिक, सौर तूफान को 28 अप्रैल को पहुंचना था। लेकिन अगर यह रुक गया है, और इसके पीछे से दूसरा सौर तूफान शुरू हो जाता है तो दोनों मिलकर पृथ्वी पर बुरा असर डाल सकते हैं। इसमें हो रही देरी का एक और कारण सौर हवाओं का इसके रास्ते में आ जाना हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो इसके प्रभाव में आने वाला हिस्सा बदल भी सकता है और पृथ्वी के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है। इससे पहले कहा गया था कि यह दक्षिणी हिस्से पर ज्यादा असर डालेगा।
कैटिगरी के हिसाब से इसे बहुत ज्यादा शक्तिशाली नहीं बताया गया था। इससे पहले जो सौर तूफान आया था वह G4 कैटिगरी का था जो कि काफी शक्तिशाली था। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने G1 श्रेणी के कम प्रभावशाली सौर तूफान के धरती तक पहुंचने का अलर्ट जारी किया है। यह कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के कारण उठा तूफान है जो 24 अप्रैल को हुए धमाके में सूर्य की सतह से फूटा था। लेकिन, अगर इसमें बहुत ज्यादा देरी होती है तो इसका असर कहीं ज्यादा व्यापक हो सकता है।
भूचुंबकीय तूफानों या सौर तूफानों को आकार के हिसाब से श्रेणियों में बांटा जाता है। इन्हें G1 से G5 तक वर्गीकृत किया गया है। G5 कैटिगरी का सौर तूफान सबसे शक्तिशाली माना जाता है। इसके टकराने से धरती पर बहुत अधिक नुकसान की संभावना होती है। ये धरती पर कई तरह के उपकरणों को खराब कर सकते हैं, संचार के साधनों में खराबी पैदा कर सकते हैं। बिजली सप्लाई भी इससे प्रभावित हो सकती है। रेडियो, सैटेलाइट और नेविगेशन सिस्टम पर भी यह असर डाल सकता है। बता दें कि अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार इस वक्त सूर्य अपनी 11 साल की सौर साइकिल से गुजर रहा है। हर 11 साल में सूर्य की सतह पर इस तरह की गतिविधियां बहुत तेज हो जाती हैं।