सूर्य में हो रही हलचलें वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा रही हैं। यह सब उस चक्र का नतीजा है, जिससे सूर्य गुजर रहा है। यह बहुत अधिक एक्टिव फेज में है, जिसके कारण सोलर फ्लेयर्स, कोरोनल मास इजेक्शन जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। कल यह संभावना जताई जा रही थी कि एक मामूली सौर तूफान सूर्य से निकल सकता है। आज सूर्य में 5 अलग-अलग सनस्पॉट दिखाई दिए हैं। इनका फोकस पृथ्वी की तरफ है। अगर सूर्य में कोई विस्फोट होता है, तो उसका असर पृथ्वी तक देखने को मिल सकता है। कहा जा रहा है कि कल यानी 8 दिसंबर को एक खतरनाक सौर तूफान पृथ्वी को टार्गेट कर सकता है। आइए जानते हैं कि हमारे ग्रह पर इसका क्या असर हो सकता है।
रिपोर्ट्स के
अनुसार, सूर्य से सोलर फ्लेयर्स का एक सेट पृथ्वी की ओर निकला है साथ ही कोरोनल मास इजेक्शन यानी CME भी हुआ है। अभी तक यह अनुमान है कि यह G1 कैटिगरी का सौर तूफान होगा। हालांकि यह प्रभावी होगा, इसका पता तभी चलेगा, जब यह पृथ्वी के वायुमंडल से टकराएगा।
रिपोर्ट बताती हैं कि G1-कैटिगरी के सौर तूफान बहुत ताकतवर नहीं होते। इसके बावजूद इनके असर से रेडियो वेव्स में गड़बड़ी आ सकती है, साथ ही ब्लैकआउट भी हो सकता है। ऐसा होने पर फ्लाइट और शिप से जुड़े ऑपरेशंस प्रभावित हो सकते हैं।
हालांकि जो सनस्पॉट सूर्य में उभरे हैं, उस हिसाब से यह G5-कैटिगरी का सौर तूफान भी हो सकता है। उस स्थिति में पृथ्वी पर ज्यादा असर हो सकता है। उदाहरण के लिए, ये सौर तूफान उपग्रहों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट कनेक्टिविटी को प्रभावित कर सकते हैं। पावर ग्रिड को भी फेल कर सकते हैं। इन तूफानों का इंसानों पर सीधा प्रभाव नहीं होता।
याद रहे कि जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्स से
सौर फ्लेयर्स बनते हैं। हमारे सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है।