हमारा सूर्य अपने 11 साल के चक्र से गुजर रहा है। यह बहुत अधिक एक्टिव फेज में है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) चेतावनी दे चुकी है कि सूर्य में विशाल सौर विस्फोट बार-बार होते रहेंगे। अब एक नई तस्वीर सामने आई है। सूर्य की यह तस्वीर हैरान करती है। ऐसा लगता है, मानो सूर्य में घाटी नुमा छेद हो गया है। इस वजह से गुरुवार से शुक्रवार तक पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) में एक सौर तूफान टकरा सकता है। हालांकि इसका असर मामूली ही होगा, जिसका सीधे तौर पर हम पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
रिपोर्टों के
अनुसार, सूर्य में दिखाई दे रहा कोरोनल होल एक विशाल सौर खाड़ी (Solar Gulf) है, जो सूर्य के बीचोंबीच फैली है। यह सूर्य के ऊपरी वायुमंडल का क्षेत्र है, जो सूर्य के बाकी क्षेत्र के तुलना में कम गर्म होता है। इस वजह से यह इलाका काला नजर आता है। रिपोर्टों के अनुसार, इन होल्स के चारों ओर मौजूद सूर्य की मैग्निेटिक फील्ड लाइन्स, होल्स में जाने के बजाए अंतरिक्ष में निकलती हैं और सूर्य के मटीरियल को 29 लाख किमी/घंटे की रफ्तार से स्पेस में बिखेरती हैं।
बहरहाल, जो सौर तूफान कल धरती से टकराने वाला है, वह काफी कमजोर होगा। यह G-1 कैटिगरी का भू-चुंबकीय (Geomagnetic) तूफान होने का अनुमान है। इसकी वजह से पावर ग्रिडों में मामूली असर पड़ सकता है। हो सकता है कुछ सैटेलाइट्स की फंक्शनिंग में खराबी आए।
सौर तूफानों को आसान भाषा में समझना हो, तो यह सूर्य के मैग्नेटिक फील्ड को अंतरिक्ष दूर तक पहुंचा सकते हैं। ये तूफान 20 लाख किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा की रफ्तार से बहते हैं। ये इलेक्ट्रॉन और आयोनाइज्ड परमाणुओं से बनते हैं, जो सूर्य के मैग्नेटिक फील्ड के साथ तालमेल बैठाते हैं।
बात करें सोलर फ्लेयर्स की, तो जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं। हमारे सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है। इनमें मौजूद एनर्जेटिक पार्टिकल्स प्रकाश की गति से अपना सफर तय कोरोनल मास इजेक्शन भी होता है।