Solar Storm : 6 साल में सबसे बड़ा सौर तूफान टकराया पृथ्‍वी से, अब क्‍या होगा? जानें

Solar Storm : G3 कैटिगरी (मॉडरेट) का भूचुंबकीय तूफान अभी भी एक्टिव है।

Solar Storm : 6 साल में सबसे बड़ा सौर तूफान टकराया पृथ्‍वी से, अब क्‍या होगा? जानें

लर फ्लेयर के विस्‍फोट से पृथ्‍वी पर रेडियो ट्रांसमिशन बाधित हो सकता है। ऊंचाई वाले इलाकों में ऑरोरा नजर आ सकते हैं।

ख़ास बातें
  • पृथ्‍वी से टकराया 6 साल का सबसे पावरफुल तूफान
  • भू-चुंबकीय तूफान निकला सूर्य से, अभी भी है एक्टिव
  • इससे इंसानी जानमाल के नुकसान का डर नहीं है
विज्ञापन
Solar Storm : होली से एक दिन पहले रविवार को पृथ्‍वी पर बड़ी आफत आई। हमारा ग्रह बीते 6 साल के सबसे पावरफुल सौर तूफान (Solar Storm) की चपेट में आ गया। इससे पृथ्‍वी के मैग्‍नेटिक फील्‍ड में बड़ा डिस्‍टरबेंस पैदा हुआ। अब अमेरिका स्थित NOAA के स्‍पेस वेदर प्रीडिक्‍शन सेंटर ने अनुमान लगाया है कि पृथ्‍वी पर एक भू-चुंबकीय तूफान (geomagnetic storm) आया है। सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स पर यह जानकारी देते हुए NOAA ने बताया कि यह तूफान कमजोर है, पर एक्टिव है। 

पोस्‍ट में कहा गया है कि G3 कैटिगरी (मॉडरेट) का भूचुंबकीय तूफान अभी भी एक्टिव है। इसकी वजह से पृथ्‍वी पर मामूली तूफान आ सकता है लेकिन जान-माल के नुकसान की संभावना नहीं है। स्‍पेस के मौसम का अनुमान लगाने वाले वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि सोलर फ्लेयर के विस्‍फोट से पृथ्‍वी पर रेडियो ट्रांसमिशन बाधित हो सकता है। ऊंचाई वाले इलाकों में ऑरोरा नजर आ सकते हैं। 

  इस चेतावनी की खास बात है कि लोगों को किसी भी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है। 

 

सोलर फ्लेयर क्‍या हैं 

जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्‍स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं। हमारे सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है। 

 

सौर हवाएं क्‍या हैं  

सोलर विंड या सौर हवाएं सूर्य से न‍िकलर हर दिशा में बहती हैं। यह सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड को अंतरिक्ष तक ले जाने में सहायक होती हैं। यह हवाएं पृथ्‍वी पर चलने वाली हवाओं की तुलना में बहुत कम घनी होती हैं, लेकिन इनमें बहुत तेज रफ्तार होती है। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि सौर हवाएं 20 लाख किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्‍यादा की रफ्तार से बहती हैं। यह इलेक्‍ट्रॉन और आयोनाइज्‍ड परमाणुओं से बनती हैं, जो सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड के साथ तालमेल बैठाते हैं। सौर हवाएं जहां तक बहती हैं, वह सीमा ‘हेलिओस्फीयर' बनाती है। यह सूर्य का सबसे प्रभावित करने वाला क्षेत्र होता है। 

याद रहे कि हमारा सूर्य अपने सौर चक्र से गुजर रहा है और बहुत अधिक एक्टिव फेज में है। इस वजह से सूर्य से ज्‍वालाएं निकल रही हैं और उनके असर से पृथ्‍वी पर सौर तूफान आ रहे हैं। यह सिलसिला साल 2025 तक चलते रहने की उम्‍मीद है। 

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Coca-Cola लगाएगी दुनिया की पहली हाईड्रोजन वेंडिंग मशीन, बिना बिजली कनेक्शन कहीं भी चलेगी
  2. iPhone 16e vs Google Pixel 9a: Google का लेटेस्ट फोन देता है iPhone 16e से ज्यादा वैल्यू फॉर मनी? जानें
  3. 'मेड इन इंडिया' स्मार्टफोन की शिपमेंट्स 6 प्रतिशत बढ़ी, Samsung का पहला स्थान बरकरार
  4. KKR vs RCB Live: इस बार JioCinema नहीं, यहां दिखेगा IPL, पहला मैच कुछ ही देर में ऐसे देखें फ्री!
  5. ब्रह्मांड में होगा बड़ा विस्फोट! धरती तक दिखेगी चमक, 80 साल बाद होने जा रही घटना
  6. Motorola Razr 60 Ultra दिखेगा सबसे अलग, वुडन फिनिश में फोन का वीडियो लीक!
  7. Poco F7 सीरीज 120W फास्ट चार्जिंग के साथ 27 मार्च को होगी लॉन्च, कलर, डिजाइन से उठा पर्दा
  8. IPL 2025 Live आज से, ऐसे देख पाएंगे फ्री! JioHotstar सब्सक्रिप्शन फ्री दे रहे ये मोबाइल प्लान, जानें सबकुछ
  9. 2000 रुपये सस्ता खरीदें iQOO का ये धांसू स्मार्टफोन, देखें पूरी डील
  10. 6500mAh बैटरी, 50MP कैमरे वाले Vivo Y39 5G के भारत में लॉन्च से पहले लीक हुई कीमत!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »