Solar Storm Alert! सूर्य से निकला CME, आज पृथ्‍वी से टकरा सकता है बड़ा सौर तूफान

Solar Storm : आज एक G1-क्लास के सौर तूफान की संभावना है। ये सौर तूफान बहुत पावरफुल नहीं होते। हालांकि कई बार पृथ्‍वी को प्रभावित कर सकते हैं।

Solar Storm Alert! सूर्य से निकला CME, आज पृथ्‍वी से टकरा सकता है बड़ा सौर तूफान

Solar Storm : CME, सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। सौर विस्फोट के बाद ये बादल अंतरिक्ष में सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड में फैल जाते हैं।

ख़ास बातें
  • G1-क्लास के सौर तूफान की संभावना है
  • यह एक मामूली तूफान होगा
  • पृथ्‍वी पर इसका कोई बड़ा असर होने की उम्‍मीद नहीं है
विज्ञापन
सूर्य में होने वाली घटनाएं पृथ्‍वी को ‘मुश्‍किल' में डाल रही हैं। सूर्य अपने 11 साल के चक्र से गुजर रहा है। इस वजह से यह बहुत अधिक एक्टिव फेज में है। सूर्य में बने सनस्‍पॉट (SunSpot) के कारण इससे सोलर फ्लेयर्स (Solar Flares) और कोरोनल मास इजेक्‍शन (CME) रिलीज हो रहे हैं। ऐसे ही एक सीएमई से निकला सौर तूफान (Solar Storm) आज यानी 22 नवंबर को हमारी पृथ्‍वी से टकरा सकता है। आइए जानते हैं यह सौर तूफान कितना बड़ा है और इसकी वजह से पृथ्‍वी पर क्‍या असर हो सकता है। 

स्पेसवेदर डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, आज 22 नवंबर को G1-क्लास के सौर तूफान की संभावना है। G1 क्‍लास के सौर तूफान बहुत पावरफुल नहीं होते। हालांकि कई बार यह पृथ्‍वी को प्रभावित कर सकते हैं। यह रेडियो तरंगों में परेशानी पैदा कर सकते हैं, जिसकी वजह से अस्‍थायी रेडियो ब्‍लैकआउट हो सकता है। G1 क्‍लास के तूफान GPS सिस्टम और वायरलेस कम्युनिकेशन सिस्टम को भी प्रभावित कर सकते हैं। इसकी वजह से विमानों की उड़ान के समय में देरी हो सकती है और शिप ट्रांसपोर्टेशन पर असर पड़ सकता है। 

इसके मुकाबले जो पावरफुल सौर तूफान होते हैं, वो सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट कनेक्टिविटी को बाधित कर सकते हैं। पावर ग्रिडों को फेल कर सकते हैं। ये तूफान सीधे तौर पर इंसानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। नेशनल ओसिएनिक एंड एटमॉस्‍फ‍ियरिक एडमिनिस्‍ट्रेशन (NOAA) सूर्य की निगरानी करता है और पता लगाता है कि कहीं किसी सौर तूफान की संभावना तो नहीं है। इस काम में सैटेलाइट्स की मदद ली जाती है। 

कोरोनल मास इजेक्‍शन को आसान भाषा में समझना हो, तो CME, सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। सौर विस्फोट के बाद ये बादल अंतरिक्ष में सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड में फैल जाते हैं। अंतरिक्ष में घूमने की वजह से इनका विस्‍तार होता है और अक्‍सर यह कई लाख मील की दूरी तक पहुंच जाते हैं। कई बार तो यह ग्रहों के मैग्‍नेटिक फील्‍ड से टकरा जाते हैं। जब इनकी दिशा की पृथ्‍वी की ओर होती है, तो यह पृथ्‍वी को प्रभावित कर सकते हैं। आज संभावित CME का बहुत ज्‍यादा प्रभाव होने का अनुमान नहीं है। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
 
 

विज्ञापन

Advertisement

#ताज़ा ख़बरें
  1. Amazon की समर सेल में 50,000 रुपये से कम के स्मार्टफोन्स पर बेस्ट डील्स
  2. 24 घंटों में कितने घंटे की नींद जरूरी? नई स्टडी में खुलासा
  3. 75 हजार साल पहले जीवित रही महिला का चेहरा आया सामने!
  4. Sony Xperia 10 VI के लॉन्च से पहले रेंडर्स लीक, तीन कलर वेरिएंट्स समेत सामने आया डिजाइन
  5. Amazon की समर सेल में 80,000 रुपये से कम के गेमिंग लैपटॉप पर बेस्ट डील्स
  6. Amazfit Bip 5 Unity स्मार्टवॉच लॉन्च हुई 26 दिन स्टैंडबाय टाइम, IP68 रेटिंग के साथ, जानें कीमत
  7. Amazon Great Summer Sale 2024: 43 इंच Smart TV हुए सस्ते, कीमत 13 हजार से शुरू
  8. Amazon Great Summer Sale: 12GB RAM स्मार्टफोन पर भारी डिस्काउंट
  9. Hisense ने लॉन्च किया दीवार पर आर्ट पीस की तरह दिखने वाला CanvasTV, 144Hz 4K डिस्प्ले से लैस, जानें कीमत
  10. Hamida Banu: Google ने बनाया भारत की पहली महिला पहलवान का Doodle, जानें इनके बारे में
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »