धरती के घूमने की रफ्तार जुलाई और अगस्त में 3 दिनों पर हो सकती है तेज

धरती के घूमने की रफ्तार के बढ़ने के पीछे कुछ कारण हो सकते हैं। धरती के अंदर कुछ गतिविधियों से भी यह हो सकता है

धरती के घूमने की रफ्तार जुलाई और अगस्त में 3 दिनों पर हो सकती है तेज

इसके परिणाम में कुछ दिन छोटे होंगे

ख़ास बातें
  • धरती के घूमने की रफ्तार के बढ़ने के पीछे कुछ कारण हो सकते हैं
  • इस वजह से 9 जुलाई, 22 जुलाई और 5 अगस्त को दिन की अवधि कुछ कम हो सकती है
  • धरती पर अल नीनो जैसी मौसम से जुड़ी स्थितियां भी एक कारण हो सकता है
विज्ञापन
धरती के घूमने की गति जुलाई और अगस्त में कुछ तेज होने का अनुमान है। इसके परिणाम में दिन छोटे होंगे। धरती के अपनी धुरी या एक्सिस पर घूमने या रोटेशन की गति 9 जुलाई, 22 जुलाई और 5 अगस्त को तेज हो सकती है। हालांकि, इन दिनों की अवधि में बहुत कम अंतर होगा। यह मिलिसेकेंड्स का होने की संभावना है। उदाहरण के लिए, 5 अगस्त को दिन की अवधि औसत से लगभग 1.51 मिलिसेकेंड्स कम हो सकता है। 

timeanddate.co की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि धरती के घूमने की रफ्तार के बढ़ने के पीछे कुछ कारण हो सकते हैं। धरती के अंदर कुछ गतिविधियों से भी यह हो सकता है। धरती अपनी धुरी पर 365 बार से कुछ अधिक घूमती है और ये एक वर्ष में दिनों की संख्या होती है। हालांकि, इस स्थिति में बदलाव भी हो सकता है। विभिन्न अनुमानों से यह पता चलता है कि धरती के सूर्य के आसपास घूमने की अवधि 372 दिनों से लगभग 490 दिनों तक की रही है। 

वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती के अपनी धुरी पर घूमने की रफ्तार पर ग्लेशियर्स का पिघलना भी असर डाल सकता है। धरती पर अल नीनो और ला नीना जैसी मौसम से जुड़ी स्थितियां भी एक कारण हो सकती हैं। इनसे धरती पर भार का वितरण बदलता है जिससे इसके घूमने की गति पर असर हो सकता है। इसके लिए चंद्रमा भी जिम्मेदार हो सकता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वर्ष तीन संभावित तिथियों पर धरती की भूमध्यरेखा से चंद्रमा अपनी अधिकतम दूरी पर होगा। इन दिनों की अवधि कम हो सकती है। National Institute of Standards and Technology की टाइम एंड फ्रीक्वेंसी डिविजन के फिजिसिस्ट, Judah Levine ने बताया था कि इस अंतर को मापने के लिए लीप सेकेंड्स में अनुमान लगाने होगा। 

हालांकि, इससे पहले वैज्ञानिकों ने लीप सेकेंड्स को लेकर पूर्वानुमान नहीं लगाया था। ऐसा अनुमान था कि धरती की गति कम होती रहेगी और इसकी गणना के लिए लीप सेकेंड्स की जरूरत होगी। धरती के घूमने की गति बढ़ने से समय को मापने के वैश्विक तरीके में बदलाव करने की भी जरूरत हो सकती है। इस वजह से 2029 में पहली बार एक लीप सेकेंड को घटना पड़ सकता है। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Google Search में AI मोड भारत में हुआ शुरू, जानें कैसे करें उपयोग
  2. Flipkart Freedom Sale: 7 हजार रुपये सस्ता मिल रहा Google का पिक्सल फोन
  3. Lava Blaze AMOLED 2 5G vs iQOO Z10 Lite 5G vs Moto G45 5G: 15 हजार में कौन है बेस्ट
  4. घर के बाहर कूड़े का ढेर लगा है या गंदे हैं सार्वजिक शौचालय तो इस सरकारी ऐप पर करें रिपोर्ट, जल्द मिलेगा समाधान
  5. प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों को टक्कर देगी BSNL, सरकार से मिलेंगे 47,000 करोड़ रुपये
  6. Honor X7c 5G अगले सप्ताह होगा भारत में लॉन्च, 5,200mAh की बैटरी
  7. 79th Independence Day: सुबह 7:30 बजे शुरू होगा समारोह, मोबाइल, टीवी, लैपटॉप पर ऐसे देखें LIVE
  8. Xiaomi ने लॉन्च किया अपना पहला AI ट्रैकिंग वाला इंडोर जूम सिक्टयोरिटी कैमरा, जानें कीमत
  9. iQOO 15 में मिल सकता है आगामी Snapdragon 8 Elite 2 चिपसेट, जल्द होगा लॉन्च
  10. रूस ने Telegram और WhatsApp कॉल्स को किया बैन, जानें वजह
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »