शुभांशु शुक्ला ने भरी स्पेस में उड़ान, Ax 4 मिशन में पायलट; 40 साल बाद कोई भारतीय पहुंचा ISS
शुभांशु शुक्ला ने भरी स्पेस में उड़ान, Ax-4 मिशन में पायलट; 40 साल बाद कोई भारतीय पहुंचा ISS
शुभांशु शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका निभा रहे हैं और अमेरिका की पिग्गी व्हिटसन मिशन कमांडर हैं।
Written by नितेश पपनोई,
अपडेटेड: 25 जून 2025 14:49 IST
Photo Credit: Axiom Space
Falcon 9 रॉकेट ने Crew Dragon "Grace" कैप्सूल साथ ISS की यात्रा के लिए उड़ान भरी
ख़ास बातें
शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका निभा रहे हैं
लगभग 28 घंटे बाद, यानी भारतीय समयानुसार 26 जून की सुबह होगी डॉकिंग
मिशन के दौरान करीब 60 माइक्रोग्रैविटी से जुड़े एक्सपेरिमेंट्स किए जाएंगे
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आज, 25 जून की सुबह Axiom Space के "Ax‑4" मिशन ने फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से अपने चारों अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना किया, जिसमें ISRO के ग्रुप कप्तान शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) भी शामिल हैं। इस मिशन के जरिए वह राकेश शर्मा (1984) के बाद भारत के दूसरे और ISS पर भेजे गए पहले अंतरिक्ष यात्री बनेंगे।
शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका निभा रहे हैं और अमेरिका की पिग्गी व्हिटसन मिशन कमांडर हैं। साथ में मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में हंगरी से टिबोर कापू (Tibor Kapu) और पोलैंड से Slawosz Uznanski‑Wiśniewski मौजूद हैं।
चारों SpaceX Crew Dragon “Grace” कैप्सूल में बैठकर Falcon 9 रॉकेट के जरिए 12:01 PM (IST) पर रवाना हुए। मिशन 14 दिनों का रहने वाला है जिसका मुख्य लक्ष्य वैज्ञानिक प्रयोग और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है। यह मिशन एक्सपीरिएंस के रूप में ISRO के Gaganyaan मिशन के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
लॉन्च और मिशन डिटेल्स
Falcon 9 रॉकेट ने Crew Dragon "Grace" कैप्सूल साथ ISS की यात्रा के लिए उड़ान भरी। मौसम अनुकूल था और टेक्निकल प्रोसेस में कोई रुकावट नहीं आई। लॉन्च के लगभग 28 घंटे बाद, यानी 26 जून की शाम तक कैप्सूल ISS से 4:30 PM IST पर जुड़ने वाला है।
Shubhanshu Shukla का रोल
Shukla ISS जाने वाले पहले भारतीय होंगे और इस मिशन में पायलट की जिम्मेदारी संभालेंगे। इससे भारत-ISRO का मान बढ़ेगा और Gaganyaan मिशन भी आसान होगा।
वैज्ञानिक मिशन
मिशन के दौरान करीब 60 माइक्रोग्रैविटी से जुड़े एक्सपेरिमेंट्स किए जाएंगे, जिनमें ISRO से जुड़ी छह रिसर्च भी शामिल हैं, जैसे एल्गी, मानव स्वास्थ्य, क्रॉप कल्चर आदि।
क्यों है ये मिशन खास?
यह 40 साल बाद भारत को एक बार फिर से इंसान भेजने का मौका है। इससे पहले राकेश शर्मा पहले भारतीय थें, जो अंतरिक्ष की ओर रवाना हुए थें। यह कमरर्शियल स्पेस ट्रैवल और ISS तक पहुंच का एक बड़ा कदम है, जिसमें Axiom Space, NASA और SpaceX का संयुक्त प्रयास शामिल है। Axiom‑4 मिशन के बाद, Axiom Space खुद का स्पेस स्टेशन बनाने की योजना में है।
नितेश पपनोईनितेश को ईमेल करें
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