Starlink ने कथित तौर पर DoT की अहम शर्तों को मान लिया है, जिसके चलते उसकी भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड कनेक्शन सर्विस को लॉन्च करने का रास्ता कथित तौर पर अब साफ होता नजर आ रहा है। पब्लिकेशन को बताया गया है कि एलन कंपनी सरकार के डेटा लोकलाइजेशन और सिक्योरिटी स्टैंडर्ड्स को पूरा करने के लिए सहमत हो गई है, जिसके बाद अब स्टारलिंक का भारत लाइसेंस आवेदन एक कदम आगे बढ़ने के लिए तैयार है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा' और जापान की स्पेस एजेंसी ‘जाक्सा' ने दुनिया के पहले लकड़ी के सैटेलाइट को स्पेस में लॉन्च कर दिया है। लिग्नोसैट (LignoSat) नाम के सैटेलाइट को स्पेस स्टेशन (ISS) पर भेजा गया है, जो धरती से 400 किलोमीटर ऊपर है। अंतरिक्ष यात्री देखना चाहते हैं कि लकड़ी का इस्तेमाल किस तरह से मंगल और चंद्रमा पर स्पेस मिशनों के लिए किया जा सकता है। उसी मकसद के साथ लिग्नोसैट को रवाना किया गया है।
FASTag vs GNSS Toll : परिवहन मंत्रालय देश के चुनिंदा नेशनल हाइवेज में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) बेस्ड टोल कलेक्शन शुरू करने जा रहा है। यह सिस्टम मौजूदा FASTag के साथ काम करेगा।
SpaceX Satellites Launch : स्पेसएक्स ने 22 स्टारलिंक सैटेलाइट्स का नया बैच लॉन्च कर दिया है। फाल्कन-9 रॉकेट की मदद से कैलिफोर्निया के वेंडनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से इन सैटेलाइट्स को ऑर्बिट में पहुंचाया गया।
Amazon satellite internet : एमेजॉन ने भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज को लॉन्च करने के लिए इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड अथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) में आवेदन किया है।
अंतरिक्ष यात्रियों के साथ देश के पहले स्पेस फ्लाइट मिशन गगनयान के प्रोपल्शन सिस्टम की पिछले महीने सफलतापूर्वक टेस्टिंग की गई थी। यह टेस्टिंग तमिलनाडु के महेन्द्रगिरि में ISRO के प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में हुई थी