• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • ISRO Launch : भारत के बेबी रॉकेट 16 अगस्‍त को उड़ेगा, EOS 8 सैटेलाइट के साथ ले जाएगा आधा किलो का ‘स्‍पेस रिक्‍शा’

ISRO Launch : भारत के बेबी रॉकेट 16 अगस्‍त को उड़ेगा, EOS-8 सैटेलाइट के साथ ले जाएगा आधा किलो का ‘स्‍पेस रिक्‍शा’

ISRO EOS-8 Satellite Launch : इसरो का एक छोटा रॉकेट, जिसे बेबी रॉकेट भी कहा गया है, EOS-8 नाम के अर्थ इमेज‍िंग सैटेलाइट को लेकर उड़ान भरेगा।

ISRO Launch : भारत के बेबी रॉकेट 16 अगस्‍त को उड़ेगा, EOS-8 सैटेलाइट के साथ ले जाएगा आधा किलो का ‘स्‍पेस रिक्‍शा’

Photo Credit: @isro

स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च वीकल (SSLV) की पहली उड़ान साल 2022 में नाकाम रही थी।

ख़ास बातें
  • 120 टन का रॉकेट उड़ेगा 170 किलो का सैटेलाइट लेकर
  • 16 अगस्‍त को इसरो का खास मिशन होगा लॉन्‍च
  • एक स्‍टार्टअप का बनाया गया 'स्‍पेस रिक्‍शा' भी जाएगा अंतरिक्ष में
विज्ञापन
ISRO EOS-8 Satellite Launch : भारत के स्‍वतंत्रता दिवस के एक दिन बाद यानी 16 अगस्‍त को इसरो (ISRO) का अहम लॉन्‍च होने जा रहा है। इसरो का एक छोटा रॉकेट, जिसे बेबी रॉकेट भी कहा गया है, EOS-8 नाम के अर्थ इमेज‍िंग सैटेलाइट को लेकर उड़ान भरेगा। इसके साथ ही SR-0 नाम के डेमो सैट को भी स्‍पेस में पहुंचाया जाएगा। SR-0 का पूरा नाम स्‍पेस रिक्‍शा है। इसे चेन्‍नई के एक स्‍टार्टअप ने तैयार किया है। श्रीहरिकोटा स्थित लॉन्‍च सेंटर से EOS-8 और SR-0 को लॉन्‍च किया जाएगा। 

यह लॉन्‍च खास है क्‍योंकि भारत एक छोटे रॉकेट पर भरोसा जताकर उसे लॉन्‍च के लिए इस्‍तेमाल करने जा रहा है। बेबी रॉकेट का असल नाम स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च वीकल (SSLV) है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) के निदेशक डॉ. एम. शंकरन ने कहा कि EOS-8 ऐसा सैटेलाइट है, जिसमें भविष्‍य की टेक्‍नॉलजीज को लगाया गया है। सैटेलाइट का वजन कुल 175 किलो है। 
 

2022 में फेल हो गया था SSLV 

स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च वीकल (SSLV) की पहली उड़ान साल 2022 में नाकाम रही थी। अगले साल 10 फरवरी 2023 की इसकी दूसरी उड़ान सफल हो गई। इसरो का मानना है कि तीसरी उड़ान के बाद SSLV के लिए टेक्‍नॉलजी, इंडस्‍ट्री को ट्रांसफर की जा सकेगी। 
 

स्‍पेस रिक्‍शा नाम के जिस सैटेलाइट को यह रॉकेट लेकर जाएगा, उसका वजन सिर्फ आधा किलो है। 
 

SSLV Rocket Features 

सैटेलाइट लॉन्‍च का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। इसरो ने मार्केट की जरूरतों को ध्‍यान में रखते हुए SSLV को तैयार किया है। यह रॉकेट 34 मीटर ऊंचा है। वजन में 120 टन का है। यह पृथ्वी से लगभग 350-400 किलोमीटर ऊपर लो-अर्थ ऑर्बिट में 500 किलोग्राम वजन वाले सैटेलाइट लेकर जा सकता है। इसकी तुलना भारत के सबसे भारी रॉकेट GSLV Mk 3 से करें तो उसका वजन 640 टन है। SSLV को बनाने में 7 साल से ज्‍यादा लगे हैं और करीब 170 करोड़ रुपये खर्च आया है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. ट्रंप के शुरुआती भाषण में क्रिप्टो का जिक्र नहीं होने से बिटकॉइन में भारी गिरावट
  2. Whatsapp में आ रहा Instagram जैसा फीचर, स्‍टेटस में लगा पाएंगे म्‍यूजिक, जानें पूरी डिटेल
  3. Redmi K90 Pro में होगा 50MP पेर‍िस्‍कोप कैमरा, स्‍नैपड्रैगन 8 एलीट 2 प्रोसेसर!
  4. Xiaomi 15 Ultra लॉन्च से पहले यहां आया नजर, एंड्रॉयड 15 के साथ मिलेंगे ऐसे फीचर्स
  5. Planetary Parade 2025 : आज आसमान में एकसाथ दिखेंगे 6 ग्रह, 4 बिना टेलीस्‍कोप आएंगे नजर
  6. Honor 200 5G की कीमत हुई 15 हजार रुपये कम, जल्द खरीदें सस्ता फोन
  7. ASUS ROG Phone 9 FE ग्लोबली जल्द देगा दस्तक, यहां आया नजर, जानें सबकुछ
  8. iQOO Neo 10R के स्पेसिफिकेशंस, कीमत और भारत में लॉन्च टाइमलाइन का खुलासा
  9. Honor Magic 7 फोन नए रूप में 6000mAh बैटरी, पेरिस्कोप कैमरा जैसे फीचर्स के साथ होगा लॉन्च!
  10. ट्रंप के प्रेसिडेंट बनने के बाद बढ़ सकती है MicroStrategy की बिटकॉइन खरीदने की स्पीड 
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »