SpaceX New Launch : एलन मस्क की स्पेस कंपनी ‘स्पेसएक्स' (SpaceX) ने वाहवाही बटोरने वाला काम किया है। महज 6 घंटों के अंतराल में कंपनी ने 2 लॉन्च कर डाले। पहले लॉन्च में 23 स्टारलिंक सैटेलाइट्स को लो-अर्थ ऑर्बिट में पहुंचाया गया। दूसरी बार में भी 23 सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में पहुंचाए गए। यह लॉन्च अमेरिका के फ्लोरिडा में केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से हुआ। फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से सैटेलाइट्स को लॉन्च किया गया।
स्टारलिंक भी एलन मस्क का ही वेंचर है। इसके तहत दुनियाभर में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा को पहुंचाने की तैयारी है। अमेरिका समेत दुनिया के कुछ देशों में स्टारलिंक की सर्विस शुरू हो गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, 23 सैटेलाइट का पहला सेट आज सुबह 4:35 बजे रवाना हुआ।
लॉन्च के ठीक साढ़े 8 मिनट बाद फाल्कन-9 रॉकेट का पहला स्टेज पृथ्वी पर सुरक्षित वापस आ गया। उसने अटलांटिक महासागर में स्पेसएक्स के ड्रोन शिप पर लैंडिंग की। इस स्टेज से 10 मिशन पहले भी उड़ाए जा चुके हैं। करीब एक घंटे बाद स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया पर कन्फर्म किया कि सभी 23 स्टारलिंक सैटेलाइट्स को डिप्लॉय किया जा चुका है।
उसके बाद सुबह 9:39 बजे दूसरा लॉन्च किया गया और 23 स्टारलिंक सैटेलाइट्स को दूसरे सेट को अंतरिक्ष में पहुंचाया गया। कंपनी ने पिछले सप्ताह भी स्टारलिंक सैटेलाइट्स को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचाया था। यह सिलसिला लगातार जारी रहने वाला है, क्योंकि कंपनी का लक्ष्य 12 हजार सैटेलाइट्स को लॉन्च करना है। अभी उसने 5 हजार से कुछ ज्यादा स्टारलिंक सैटेलाइट लॉन्च किए हैं।
बीते दिनों एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कि स्टारलिंक को भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विसेज प्रदान करने की अनुमति दे दी गई है। कंपनी कई वर्षों से भारतीय यूजर्स के लिए सर्विस को लॉन्च करना चाहती है। एक दफा ने उसने एडवांस बुकिंग भी शुरू कर दी थी, लेकिन सरकारी इजाजत नहीं मिलने के कारण पीछे हटना पड़ा। कहा जाता है कि अब DoT (दूरसंचार विभाग) ने कथित तौर पर स्टारलिंक को ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन लाइसेंस (GMPCS) दिया है, जो सैटेलाइट इंटरनेट के लिए अहम है।
हालांकि यह लाइसेंस मिलने के बाद भी कुछ रेगुलेटरी अप्रूवल्स की जरूरत होगी, जिन्हें स्टारलिंक को पाना होगा। उसके बाद ही कंपनी देश में अपनी कमर्शल सेवाएं शुरू कर पाएगी।