• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • कॉफी मग जितना छोटा दुनिया का पहला लकड़ी का सैटेलाइट LignoSat लॉन्‍च, क्‍या करेगा? जानें

कॉफी मग जितना छोटा दुनिया का पहला लकड़ी का सैटेलाइट LignoSat लॉन्‍च, क्‍या करेगा? जानें

LignoSat को इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन पर भेजा गया है, जो धरती से 400 किलोमीटर ऊपर है।

कॉफी मग जितना छोटा दुनिया का पहला लकड़ी का सैटेलाइट LignoSat लॉन्‍च, क्‍या करेगा? जानें

Photo Credit: Reuters

जिस मैगनोलिया लकड़ी से सैटेलाइट को बनाया है, उस लकड़ी को पहले इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन में टेस्‍ट किया गया था।

ख़ास बातें
  • LignoSat सैटेलाइट लॉन्‍च हुआ
  • लकड़ी का बना दुनिया का पहला सैटेलाइट
  • इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन पर पहुंचेगा
विज्ञापन
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा' (Nasa) और जापान की स्‍पेस एजेंसी ‘जाक्‍सा' (JAXA) ने दुनिया के पहले लकड़ी के सैटेलाइट (worlds first wooden satellite) को स्‍पेस में लॉन्‍च कर दिया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, लिग्नोसैट (LignoSat) नाम के सैटेलाइट को स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) पर भेजा गया है, जो धरती से 400 किलोमीटर ऊपर है। अंतरिक्ष यात्री देखना चाहते हैं कि लकड़ी का इस्‍तेमाल किस तरह से मंगल और चंद्रमा पर स्‍पेस मिशनों के लिए किया जा सकता है। उसी मकसद के साथ लिग्नोसैट को रवाना किया गया है। 
 

LignoSat का आकार कितना है? 

जानकारी के अनुसार, लिग्नोसैट का आकार एक कॉफी मग के बराबर है। इसे बनाने में मैगनोलिया लकड़ी का इस्‍तेमाल किया गया है। 

 

मैगनोलिया लकड़ी को ही क्‍यों चुना? 

स्‍पेस एजेंसियों ने जिस मैगनोलिया लकड़ी से सैटेलाइट को बनाया है, उस लकड़ी को पहले इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन में टेस्‍ट किया गया था। वैज्ञानिकों ने तीन तरह की लकड़ी टेस्‍ट की। सभी अंतरिक्ष में कामयाब रहीं यानी उनमें कोई टूट-फूट नहीं हुई। हालांकि वैज्ञानिकों ने मैगनोलिया लकड़ी को इस्‍तेमाल करने का फैसला किया क्‍योंकि सैटेलाइट बनाते समय इसके टूटने की संभावना बहुत कम है। 

स्‍पेस स्‍टेशन में पहुंचने के बाद लिग्नोसैट को 6 महीने के लिए ऑर्बिट में तैनात किया जाएगा। इसमें  इलेक्ट्रॉनिक इंस्‍ट्रूमेंट लगाए गए हैं, जो मापेंगे कि लकड़ी अंतरिक्ष के चरम वातावरण को कैसे सहन करती है।  

स्‍पेस स्‍टेशन पर तापमान हर 45 मिनट में -100 से 100 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ता घटता है, क्योंकि यह अंधेरे से सूरज की रोशनी में परिक्रमा करता है। रिपोर्ट के अनुसार, इस बारे में जापान के सुमितोमो फॉरेस्ट्री त्सुकुबा रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक प्रबंधक केंजी करिया ने बताया था कि लिग्नोसैट अर्धचालकों पर अंतरिक्ष विकिरण के प्रभाव को कम करने की लकड़ी की क्षमता का भी आकलन करेगा। 
 

मकसद और भी हैं

LignoSat को अंतरिक्ष में पहुंचाकर वैज्ञानिक जानना चाहते हैं कि लकड़ी के सैटेलाइट कितने कारगर हो सकते हैं। दुनियाभर की स्‍पेस एजेंसियों ने 50 साल में हजारों सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजा है। ये अपना जीवन पूरा कर चुके हैं और कबाड़ या मलबे के रूप में तैर रहे हैं। इससे दूसरे सैटेलाइट्स को खतरा हो रहा है। लकड़ी के सैटेलाइट इन मुश्किलों को सुलझा सकते हैं। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Lenovo ने सस्ता मॉनिटर 144Hz रिफ्रेश रेट, 24.5 इंच IPS डिस्प्ले के साथ किया लॉन्च, जानें कीमत
  2. WhatsApp पर FREE 'क्रिसमस गिफ्ट'! मिले ऐसा मैसेज तो हो जाएं सावधान
  3. सस्ता 5G स्मार्टफोन Honor Play 10A लॉन्च, 10% बैटरी में 65 घंटे चलने का दावा, जानें कीमत
  4. Croma Sale: iPhone 15 सबसे सस्ता! Rs 23 हजार से ज्यादा की छूट, बस लगा दें यह ऑफर
  5. Tata Motors ने बनाया रिकॉर्ड, बेचे 2.5 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स 
  6. Microsoft ने H-1B वीजा वर्कर्स को दी विदेश यात्रा से बचने की चेतावनी
  7. Digtal Arrest Case: पुलिस इंस्पेक्टर बनकर 85 वर्ष के बुजुर्ग से ठगे 9 करोड़, इस तरह के स्कैम से सावधान!
  8. इस कार की सीट में लगा है 'हैलमेट एयरबैग', एक्सिडेंट के वक्त सिर की सेफ्टी पक्की! जानें कब होगी लॉन्च
  9. Oppo K15 Turbo Pro में मिल सकता है नया MediaTek Dimensity 9500s चिपसेट
  10. अगर फोन पर नहीं मिल रहा OTP तो ऐसे करें सर्च
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »