यूं तो गेम मोबाइल ऐप स्टोर्स में उपलब्ध नहीं है, लेकिन अभी भी इसे थर्ड-पार्टी स्टोर या ऑनलाइन APK के जरिए डाउनलोड और इंस्टॉल किया जा सकता है और खेला जा सकता है।
VLC की तरह ही UCBrowser भी भारत में बैन है। बैन होने से पहले यह देश में सबसे पॉपुलर ब्राउजर की लिस्ट में था। इसका सबसे खास फीचर इसका Ad-blocker फीचर था।
ये सभी अकाउंट्स अवैध प्रोग्राम्स का इस्तेमाल कर रहे थे। इन्हें स्थायी रूप से बैन कर दिया गया है। कंपनी का कहना है कि प्लेयर्स को बेहतर गेमिंग माहौल देने के लिए वह इस तरह के कदम उठाती रहेगी।
MeitY ने अपने जवाब में केवल इतना कहा है कि PUBG या किसी अन्य कंपनी/मोबाइल ऐप के भारत में लॉन्च की अनुमति देने में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं है।
पिछले महीने के आखिर में, Battlegrounds Mobile India को लेकर अरुणाचल प्रदेश विधान सभा के सदस्य निनॉन्ग एरिंग (Ninong Ering) ने भी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को एक पत्र लिखा था।
अरुणाचल प्रदेश विधान सभा के सदस्य निनॉन्ग एरिंग (Ninong Ering) ने शनिवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को एक पत्र लिखा और कहा कि Battlegrounds Mobile India गेम मात्र एक भ्रम है और यह मामूली बदलावों के साथ आने वाला पुराना PUBG Mobile गेम ही है।
एक ओर गेम पब्लिशर का नए वर्ज़न को भारत में रिलीज़ न करने का फैसला और दूसरी ओर केंद्रिय मंत्री जावडेकर का PUBG Mobile को हिंसक और एडिक्टेड गेम्स में शामिल करना, निश्चित तौर पर फैंस के लिए धक्का है।
पिछले कुछ समय से पबजी मोबाइल की वापसी पर कई तरह की खबरे आ गई है। एक तरफ PUBG Corp का PUBG Mobile India को घोषित करना और दूसरी तरफ गेम की वापसी को लेकर MeiTY की चुप्पी ने फैंस को असमंजस में डाला हुआ है।
यूं तो PUBG Mobile के लोकप्रिय होने के पीछे कई कारण हैं, लेकिन पांच ऐसे खास कारण हैं, जो पबजी मोबाइल के भारत में इस कदर लोकप्रिय होने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। आइए इनके ऊपर एक नज़र डालते हैं।
स्थाई रूप से बैन हुए 59 ऐप्स में कुछ बड़े नाम TikTok, WeChat, UC Browser और Baidu हैं। कुछ गेम्स को भी स्थाई बैन मिल गया है, लेकिन अच्छी बात यह है कि इस लिस्ट में PUBG Mobile India का नाम नहीं है।