Battlegrounds Mobile India अभी आधिकारिक रूप में लॉन्च भी नहीं हुआ है और कई लोगों द्वारा इसे बैन करने की मांग शुरू हो गई हैं। हाल ही में सरकार से जुड़े लोगों ने इसके बैन को लेकर मंत्रायलों को पत्र लिखा था। इतना ही नहीं, JNU के एक प्रोफेसर ने भी MeitY और MHA से RTI के जरिए गेम को बैन करने की मांग की थी, जिसके जवाब से प्रतीत होता है कि लॉन्च से पहले सरकार इसे बैन करने की योजना नहीं बना रही है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि गेम को बैन नहीं किया जा सकता है।
जवाहरलाल नेशनल यूनिवर्सिटी (JNU) के एक प्रोफेसर डॉ गौरव त्यागी (Dr. Gaurav Tyagi) ने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और ग्रह मंत्रालय में RTI डाली थी और PUBG Mobile के भारतीय वर्ज़न Battlegrounds Mobile India को बैन करने की मांग की थी। इसके बाद मंत्रालयों द्वारा उनकी आरटीआई का जवाब भी आया, जिसे उन्होंने
ट्वीट के जरिए साझा किया।
RTI के जवाब में ग्रह मंत्रालय ने कहा कि गेम के भारत में लॉन्च होने से पहले उसे बैन नहीं किया जा सकता है। हालांकि, यह भी बता दें कि इसका मतलब यह नहीं होता कि सरकार गेम को बैन नहीं कर सकती है, क्योंकि रिप्लाई में आगे कहा गया है कि देश में लॉन्च होने के बाद MeitY के पास गेम को IT Act, 2000 के सेक्शन 69ए के तहत बैन करने के अधिकार हैं।
वहीं, MeitY ने अपने जवाब में केवल इतना कहा है कि (अनुवादित) “पबजी या किसी अन्य कंपनी/मोबाइल ऐप के भारत में लॉन्च की अनुमति देने में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं है।" इससे यह तो पता चल जाता है कि गेम के लॉन्च से पहले उसके बैन होने की संभावना न के बराबर है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लॉन्च होने के बाद इसे बैन नहीं किया जा सकता है। जैसा कि ग्रह मंत्रालय ने साफ किया है, यदि सरकार को गेम की प्राइवेसी को लेकर कहीं भी कोई समस्या दिखाई देती है, तो यह गेम डेवलपर KRAFTON के लिए चिंता की बात होगी।
वर्तमान में गेम की रिलीज़ डेट साझा नहीं की गई है। लीक्स के अनुसार, गेम इसी हफ्ते लॉन्च होना है। हालांकि KRAFTON की तरफ से आज बेहद सीमित संख्या के साथ अर्ली एक्सेस खोला गया है, जिससे इसके इस हफ्ते रिलीज़ होने की संभावना कम प्रतीत होती है। कुल मिला कर KRAFTON के पास अभी भी समय है कि कंपनी सरकार के साथ अपनी नीतियों को लेकर बातचीत करे, जिससे लॉन्च के बाद गेम को किसी प्रकार का प्रतिबंध झेलना न पड़े।
निश्चित तौर पर, मंत्रालय का जवाब गौरव त्यागी के लिए निराशा लेकर आया होगा। त्यागी का कहना है कि यदि गेम को री-लॉन्च की अनुमति मिलती है, तो बैन हुए अन्य चीनी ऐप्स जैसे कि TikTok, WeChat आदि भी बदले हुए नाम और कुछ बदलावों के साथ इसी तरह भारत में दोबारा एंट्री करने का प्रयास कर सकते हैं।