अंतरिक्ष में मौजूद सबसे बड़े टेलीस्कोप (JWST) के डेटा को टटोलने के बाद वैज्ञानिकों को 138 छोटे एस्टरॉयड मिले हैं। इनमें एक तो अबतक खोजा गया सबसे छोटा एस्टरॉयड है और मंगल व बृहस्पति के बीच मेन एस्टरॉयड बेल्ट में मौजूद है। छोटे होने की वजह से ये एस्टरॉयड, बड़े एस्टरॉयड के मुकाबले पृथ्वी के वायुमंडल में आ सकते हैं।
एस्टरॉयड का हमारी पृथ्वी की ओर आना जारी है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बुधवार को रूस के सुदूर पूर्वी इलाके याकूतिया (Yakutia) में एक एस्टरॉयड ने लोगों को हैरान कर दिया। पृथ्वी के वायुमंडल में एंट्री करने के बाद याकूतिया के आसमान में एस्टरॉयड जलने लगा और कुछ समय बाद राख हो गया। हालांकि वैज्ञानिकों को इसकी आहट पहले ही हो गई थी।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अनुमान लगाया है कि इस वीकेंड 29 सितंबर को पृथ्वी को उसका ‘दूसरा चंद्रमा’ नजर आएगा। यह एक एस्टरॉयड है, जिसका नाम 2024 PT5 रखा गया है। इसे सेकंड मून इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि एस्टरॉयड अगले कुछ महीनों तक हमारे पृथ्वी के पास घूमता रहेगा। यह 25 नवंबर को पृथ्वी से दूर हो जाएगा।
यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने बताया है कि बुधवार को फिलीपींस के लुजोन द्वीप के पास पश्चिमी प्रशांत महासागर के ऊपर 3 फुट का एस्टरॉयड वायुमंडल से टकराया। टक्कर होते ही उसमें आग लग गई। हालांकि उससे धरती पर कोई नुकसान नहीं हुआ। एस्टरॉयड का नाम ‘2024 RW1’ था। इसे कैटालिना स्काई सर्वे की मदद से साइंटिस्ट जैकलीन फेजेकास ने खोजा। यह अबतक का नौंवा एस्टरॉयड है, जिसे पृथ्वी से टकराने से ऐन पहले ट्रैक किया गया।
NASA Neowise satellite : 14 साल से भी ज्यादा वक्त तक सर्विस देने के बाद अब यह टेलिस्कोप अपने अंत की ओर है और पृथ्वी के वायुमंडल में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद खत्म हो जाएगा।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने पिछले साल अक्टूबर में साइकी स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च किया था। डीप स्पेस में पहुंचने के बाद स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी पर सिग्नल भेज रहा है।
NASA : जेम्स वेब की मदद से वैज्ञानिकों को स्पेस में दो प्रोटोस्टार के चारों तरफ कुछ मटीरियल का पता चला है। यह जीवन की संभावनाओं का संकेत हो सकते हैं।