भारत के कई राज्यों में इस वक्त स्पेशल इंटेसिव रिविजन (SIR) चल रहा है। बीएलओ ऑफलाइन स्तर पर घर-घर जाकर भी जानकारी ले रहे हैं।
Photo Credit: Pexels/Thirdman
SIR के नाम पर स्कैम चल रहा है।
भारत के कई राज्यों में इस वक्त स्पेशल इंटेसिव रिविजन (SIR) चल रहा है। बीएलओ ऑफलाइन स्तर पर घर-घर जाकर भी जानकारी ले रहे हैं। इसके अलावा यह फॉर्म ऑनलाइन भी उपलब्ध है। ऑनलाइन प्रक्रिया को चुनाव आयोग द्वारा मैनेज किया जा रहा है। आप ईसीआई की वेबसाइट पर जाकर सीधे लिंक पर क्लिक करके जानकारी दर्ज कर सकते हैं। मगर इस अभियान के साथ एक नया साइबर फ्रॉड सामने आ रहा है, जिसमें मतदाताओं से ओटीपी मांग कर उन्हें पैसों का चूना लगाया जा रहा है।
SIR के साथ एक नया साइबर फ्रॉड तेजी के साथ फैल रहा है। साइबर अपराधी चुनाव आयोग के नाम पर मतदाताओं को फोन कर रहे हैं और SIR फॉर्म भरने के बहाने ओटीपी मांग रहे हैं। यह नया तरीका काफी सामान्य दिखता है, लेकिन खतरनाक है। फ्रॉड खुद को चुनाव आयोग का कर्मचारी बताते हुए दावा करते हैं कि वे SIR फॉर्म वेरिफिकेशन में मदद कर रहे हैं और मतदाता के फोन पर भेजे गए ओटीपी को मांगते हैं। अगर मतदाता हिचकिचाता है तो कॉल करने वाला धमकी देता है कि उसका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया जाएगा तो ऐसे में डर के मारे कई लोग उस दूसरे व्यक्ति के साथ ओटीपी शेयर कर देते हैं। ऐसे करने के कुछ ही मिनटों में उनके बैंक या यूपीआई अकाउंट से पैसा निकाल लिया जाता है। इसके अलावा SIR.apk फाइल के नाम से फर्जी APK इंस्टॉल करवाई जाती है, जिसके बाद आपके फोन पर अपराधी का एक्सेस हो जाता है।
चुनाव आयोग का कर्मचारी कभी भी किसी मतदाता से फोन पर ओटीपी की मांग नहीं करता है। अगर कोई SIR के नाम पर ओटीपी मांगता है तो यह फ्रॉड है। ऐसे में नागरिकों को तुरंत मना करना चाहिए और पुलिस को कॉल की जानकारी देनी चाहिए। एसआईआर फॉर्म भरते हुए मोबाइल नंबर देना सुरक्षित है, लेकिन जब ओटीपी शेयर किया जाता है तो खतरा शुरू होता है। इसके अलावा अगर आपके फोन में कोई भी फाइल डाउनलोड करने के लिए बोला जाता है तो आपको तुरंत मना करना है।
X पर SP_Panna के अकाउंट से ट्वीट किया गया है कि SIR फॉर्म के नाम पर हो रही धोखाधड़ी से सावधान रहें। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा वोटर लिस्ट की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए व्यापक प्रक्रिया चलाई जा रही है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य योग्य मतदाताओं को शामिल करना है और अपात्र और दोहराए गए नामों को हटाना है। मगर इस प्रक्रिया की आड़ में साइबर अपराधी लोगों को चूना लगाने का काम कर रहे हैं।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।
विज्ञापन
विज्ञापन
7000mAh बैटरी, 50MP कैमरा के साथ Moto G57 Power 5G लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
SIR फ्रॉम स्कैम, वोटर लिस्ट से नाम हटाने की धमकी, OTP किया शेयर तो होगा बड़ा फ्रॉड
Lava Agni 4 vs Vivo T4 vs Realme P4 Pro 5G: 25 हजार रुपये में कौन सा है बेस्ट