25 करोड़ साल पहले फटे थे सैकड़ों ज्वालामुखी, अल-नीनो लाया था बड़ी तबाही!

Live Science के अनुसार, University of Bristol के Alex Farnsworth का कहना है कि यह ऐसा वक्त था जब धरती का तापमान हद से ज्यादा बढ़ गया था।

25 करोड़ साल पहले फटे थे सैकड़ों ज्वालामुखी, अल-नीनो लाया था बड़ी तबाही!

Photo Credit: istock/ Priyono

25 करोड़ साल पहले पर्मियन काल में धरती पर बड़ी तबाही हुई थी जिसमें जन-जीवन तबाह हो गया था।

ख़ास बातें
  • 25 करोड़ साल पहले पर्मियन काल में धरती पर बड़ी तबाही हुई थी
  • रिसर्च में इसके पीछे अल-नीनो साइकल का हाथ माना जा रहा है
  • साइबेरियन ट्रैप ज्वालामुखियों में लगातार भारी विस्फोट थे वजह
विज्ञापन
नई रिसर्च में सामने आया है कि लगभग 25 करोड़ साल पहले पहले धरती पर बड़ी तबाही हुई थी जिसमें जन-जीवन तबाह हो गया था। इसके पीछे उस वक्त अल-नीनो साइकल का हाथ माना जा रहा है जो कि वायुमंडल में फैली कार्बन डाइऑक्साइड गैस के कारण पैदा हुआ था। यह कार्बनडाइऑक्साइड गैस ज्वालामुखियों में लगातार भारी विस्फोटों के कारण निकली थी। 

अल-नीनो (El Niño) के कारण पर्मियन काल में बड़ी तबाही के संकेत मिले हैं। उस वक्त भारी ज्वालामुखी विस्फोट (वर्तमान के साइबेरिया में) हुए थे जिनसे इतनी ज्यादा कार्बनडाइऑक्साइड वायुमंडल में फैल गई कि बड़ा क्लाइमेट चेंज घटित हुआ। इसी के कारण धरती पर 90 प्रतिशत के लगभग प्रजातियां खत्म हो गईं। हालाँकि भूतकाल में हुई इस तरह की घटनाएँ अब होना दुर्लभ है, लेकिन आज के जलवायु संकट की दृष्टि से देखें को उनका गंभीर प्रभाव है।

साइबेरियन ज्वालामुखी कैसे बने विनाश का कारण
साइबेरियन ट्रैप (Siberian Traps) में होने वाले विस्फोट बड़ी-बड़ी ज्वालामुखीय दरारों में होने वाले विस्फोटों की एक श्रंखला थी जिसने वायुमंडल में भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड भर दिया। इस घटना के कारण पृथ्वी की जलवायु बहुत ज्यादा गर्म हो गई। जिसके कारण लंबे समय तक चलने वाली गंभीर अल-नीनो घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू हो गई।

Live Science के अनुसार, University of Bristol के Alex Farnsworth का कहना है कि यह ऐसा वक्त था जब धरती का तापमान हद से ज्यादा बढ़ गया था। इस तापमान को झेलने की क्षमता मौजूदा प्रजातियों के पास नहीं थी जिन्होंने हजारों सालों में एक निश्चित तापमान में जीने की आदत डाली थी। धरती पर मौजूद जीवन में केवल जंगल ही ऐसे थे जो इतनी ज्यादा कार्बनडाइऑक्साइड को सोख सकते थे। लेकिन बढ़ते तापमान ने उनको नष्ट कर दिया, जिससे हालात और भी ज्यादा खराब हो गए। 

क्या फिर हो सकते हैं ऐसे हालात?
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि पर्मियन काल के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड का जो स्तर था वह आज के 419 ppm से बहुत ज्यादा था। हालांकि इतनी ज्यादा गैस की मात्रा एकदम से बढ़ना संभव नहीं है। लेकिन जिस तरह से मनुष्य अपनी गतिविधियों के कारण वायुमंडल में CO2 फेंक रहा है, उससे लगता है कि कुछ हद तक वैसे ही हालात पृथ्वी पर फिर से पैदा हो सकते हैं। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ईमेल करते हैं, तो कोई इंसान जवाब ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Samsung के Galaxy Tab S10 Lite की भारत में शुरू हुई बिक्री, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  2. 50 मेगापिक्सल कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ Sony Xperia 10 VII लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
  3. Moto Pad 60 Neo भारत में हुआ लॉन्च, 7,040mAh की बैटरी, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  4. India vs Pakistan Asia Cup देखना है फोन पर तो इतना आएगा खर्च, Sony LIV के प्लान्स के बारे में जानें
  5. Nothing Ear 3 के डिजाइन का खुलासा, केस में मिलेगा माइक्रोफोन और टॉक बटन
  6. iOS 26 कब होगा जारी, कौन से आईफोन करेंगे सपोर्ट, जानें फीचर्स से लेकर सबकुछ
  7. सोशल मीडिया पर Nano Banana फोटो ट्रेंड ने मचाया तहलका, मुख्यमंत्री भी नहीं रहे पीछे, ऐसे बनाएं अपनी 3D फिगरिन्स फोटो
  8. HMD ने भारत में लॉन्च किए 101 4G और 102 4G फीचर फोन, ड्यूल सिम सपोर्ट, QVGA कैमरा के साथ इन फीचर्स से लैस
  9. Flipkart Big Billion Days Sale: Google Pixel 9 पर 45 हजार का डिस्काउंट, Pixel 10 पर होगी भारी बचत
  10. ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के बाद Zupee ने की 30 प्रतिशत वर्कर्स की छंटनी
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »