Climate Change Effects: क्लाइमेट चेंज से खतरे में आईं ये खूबसूरत प्रजातियां

तितलियों की केवल 29 प्रजातियां ऐसी हैं जिनको खतरा नहीं है।

Climate Change Effects: क्लाइमेट चेंज से खतरे में आईं ये खूबसूरत प्रजातियां

Photo Credit: butterflyconservation.org

क्लाइमेट चेंज का सिर्फ जलवायु तंत्र पर ही नहीं बल्कि जीव जंतुओं पर भी बड़ा प्रभाव देखने को मिल रहा है।

ख़ास बातें
  • तितलियों और कीट-पतंगों की प्रजातियों पर क्लाइमेट चेंज का व्यापक असर
  • कुछ प्रजातियां खुद को इसके अनुरूप ढालने में हो रहीं कामयाब
  • तितलियों की केवल 29 प्रजातियां ऐसी हैं जिनको खतरा नहीं है
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क्लाइमेट चेंज का सिर्फ जलवायु तंत्र पर ही नहीं बल्कि जीव जंतुओं पर भी बड़ा प्रभाव देखने को मिल रहा है। खासकर, तितलियों और कीट-पतंगों की प्रजातियों पर इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है। कुछ प्रजातियां खुद को इसके अनुरूप ढालने में कामयाब होती दिख रही हैं तो कुछ की संख्या लगातार घटती जा रही है। ब्राउन हेयरस्ट्रीक तितली की प्रजाति क्लाइमेट चेंज के अनुरूप खुद को ढाल रही है और लंदन, यूके आदि में 1980 के दशक से ही अपनी संख्या को स्थिर बनाए हुए है। वहीं, कोमा तितली ने 1970 के दशक से लेकर अब तक अपनी प्रजाति को 94  प्रतिशत तक और ज्यादा फैला दिया है। 

लेकिन इसके साथ ही बुरी खबर यह है कि यूके की अन्य 57 प्रजनन प्रजातियों का हाल अच्छा नहीं है। Butterfly Conservation की ओर से 2022 की जारी रिपोर्ट गंभीर बात कहती है। 1980 के दशक के बाद से इन तितलियों की 80 प्रतिशत प्रजातियों के बहुतायत और फैलाव, दोनों में कमी आई है। कीट-पतंगों की स्थिति भी अच्छी नहीं है जो कि तितलियों के ही चचेरे भाई कहे जाते हैं। पिछले 50 सालों में बड़े कीट-पतंगों की बहुतायत में 33 प्रतिशत की कमी आई है। यूके की 8 तितली प्रजातियों को खतरे के अंदर बताया गया है जबकि अन्य 16 को भी विलुप्ति का खतरा हो सकता है। 

तितलियों की केवल 29 प्रजातियां ऐसी हैं जिनको खतरा नहीं है। जहां एक तरफ कुछ प्रजातियों को फायदा हो रहा है तो इससे कहीं ज्यादा को क्लाइमेट चेंज के कारण नुकसान पहुंच रहा है। यहां पर कारणों की बात करना भी जरूरी है। रिपोर्ट कहती है कि यूके में तितलियों की लगभग आधी प्रजातियां कुछ पौधों पर निर्भर करती हैं जो कि इनके विकास में मदद करते हैं। यहां की हाई ब्राउन फ्रिटिलरी वायलेट पौधों पर निर्भर करती है जो कि कटे हुए जंगलों (दोबारा से विकसित होने के लिए काटे गए जंगल) और धूप पड़ने वाली ढलानों पर पाए जाते हैं। 

लेकिन अब खेती और शहरीकरण के कारण ऐसे पौधों की पैदावार बहुत कम हो गई है जिससे कि तितलियों को उनके विकास के लिए सही वातावरण, और भोजन नहीं मिल पाता है। इसी वजह से तितली की यह प्रजाति जो कभी यूके में हर जगह फैली थी, अब कुछ ही साइट्स पर पाई जाती है। इसी तरह सर्दी और गर्मी का भी प्रजातियों पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है। बहुत अधिक सर्दी, और बहुत अधिक गर्मी होने से इनकी प्रजनन प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। कुल मिलाकर क्लाइमेट चेंज इन तितलियों के लिए बड़ी चुनौती पैदा कर रहा है। 

 
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ये भी पढ़े: , Climate change, Climate change bad effects
हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

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