देश में डिजिटल अरेस्ट स्कैम के लगातार सामने आ रहे मामलों के बीच सरकार ने स्कैमर्स पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार 6.69 लाख से ज्यादा सिम कार्ड और 1 लाख 32 हजार IMEI नंबर ब्लॉक किए गए हैं। सरकार ने एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि डिजिटल अरेस्ट से निपटने के लिए तंत्र को मजबूत करते हुए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी (ट्राई) के दो नए नियम आज से लागू हो रहे हैं। इसका फायदा आम मोबाइल यूजर्स को होगा। उन्हें अपने नेटवर्क के बारे में सही जानकारी मिलेगी। साथ ही स्पैम कॉल्स से भी छुटकारा पाएंगे। आज से यूजर्स के लिए यह पता करना आसान होगा कि किस इलाके में कौन-कौन सी टेलिकॉम कंपनियों के सिग्नल आ रहे हैं। अब सिर्फ वही कंपनियां लोगों को मैसेज भेज पाएंगी या कॉल कर पाएंगी जो वाइट लिस्ट में हैं।
ट्रूकॉलर का ऑटो-ब्लॉक स्पैम फीचर आईफोन्स के लिए पेश कर दिया गया है। इसका फायदा ये है कि यूजर को स्पैम कॉल रिजेक्ट करने की जरूरत नहीं होती। ट्रूकॉलर ऐप स्पैम कॉल को आइडेंटिफाई करके उसे रिजेक्ट कर देता है। फिलहाल यह सुविधा सिर्फ ट्रूकॉलर के प्रीमियम सब्सक्राइबर्स के लिए उपलब्ध है। iOS 18 अपडेट कर चुके यूजर्स लेटेस्ट Truecaller वर्जन 13.12 पर इसे इस्तेमाल कर सकते हैं।
WhatsApp ने अपने यूजर्स को अंजान अकाउंट से भेजे गए अनचाहे मैसेज से सुरक्षित रखने के लिए तैयार किए गए नए फीचर के साथ बीटा टेस्टर्स के लिए एक अपडेट जारी करना शुरू कर दिया है। एंड्रॉइड 2.24.20.16 के लिए वॉट्सऐप बीटा को अपडेट करने के बाद यूजर्स के पास एक नई सेटिंग का एक्सेस होगा जो कुछ अंजान अकाउंट से मैसेज को ब्लॉक कर देती है। इसे यूजर्स के अकाउंट की सिक्योरिटी और डिवाइस के परफॉर्मेंस में सुधार करने के लिए डिजाइन किया गया है।
WhatsApp अब फिशिंग अटैक्स को लेकर पहले से ज्यादा गंभीर नजर आ रहा है। Meta के स्वामित्व वाले इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ने अपने यूजर्स को किसी अज्ञात व्हाट्सऐप मैसेज में स्पैलिंग, व्याकरण (grammer) की गलतियों जैसे पहलुओं को परखते हुए फिशिंग अटैक पहचानने के बारे में शिक्षित करने का प्रयास किया है।
नया फीचर यूजर को स्पैम मैसेज पहचानने और ब्लॉक करने की सुविधा देता है जिसमें न तो डिवाइस को अनलॉक करना होगा, और न ही ऐप में जाकर स्पैम को ब्लॉक करने की जरूरत पड़ेगी।
वेबसाइटों को विदेश में बैठे लोग ऑपरेट कर रहे थे। इन्वेस्टमेंट के नाम पर रिटायर्ड कर्मचारियों, महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा था, जबकि पार्ट टाइम जॉब के नाम पर बेरोजगार युवाओं से ठगी हो रही थी।
तस्वीरों से वॉलेट को लेकर ज्यादा कुछ पता नहीं चलता है और ना ही इन्हें शेयर करने वाले यूजर्स ने इसके बारे में कुछ खास शेयर किया है। हालांकि, इसकी लाइव तस्वीरों के सामने आने से यह तय हो गया है कि इसका लॉन्च नजदीक है।
अच्छी बात यह है कि एक बार फोन ब्लॉक हो जाने के बाद कोई भी इसका इस्तेमाल नहीं कर सकेगा और पूरे भारत में किसी भी टेलीकॉम ऑपरेटर का नेटवर्क उसमें काम नहीं करेगा।