टेलीकॉम सब्सक्राइबर्स की कॉल ड्रॉप जैसी शिकायतों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर टेलीकॉम कंपनियों को सर्विस की क्वालिटी में सुधार करने का निर्देश दिया गया है। स्पैम कॉल्स और मैसेज के मुद्दे से निपटने के लिए भी टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग टूल का इस्तेमाल करने के लिए कहा है। यह टूल गैर-पंजीकृत टेलीमार्केटर्स की ओर से भेजे जाने वाले स्पैम को पकड़ने और ब्लॉक करने में प्रभावी है।
TRAI के अधिकारियों ने Reliance Jio, Bharti Airtel और Vodafone Idea के सीनियर एग्जिक्यूटिव्स के साथ मीटिंग में सर्विस की क्वालिटी में समस्याओं, 5G सर्विस के लिए नॉर्म्स और स्पैम कॉल्स और मैसेज के मुद्दे की
समीक्षा की है। टेलीकॉम कंपनियों को बताया गया है कि सर्विस की क्वालिटी के मापदंडों के लिए कड़े नॉर्म्स बनाए जा रहे हैं। इस बारे में आगामी महीनों में TRAI की ओर से कंसल्टेशन की एक प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इन कंपनियों को सर्विस की क्वालिटी में सुधार करने के TRAI के निर्देश से मोबाइल सब्सक्राइबर्स को राहत मिल सकती है, जो कॉल ड्रॉप और नेटवर्क में कमियों की वजह से परेशान हैं।
इन कंपनियों को मौजूदा सिस्टम के तहत 5G कॉल के डेटा की रिपोर्ट देनी होंगी। नेक्स्ट जेनरेशन सर्विसेज के लिए अलग क्वालिटी ऑफ सर्विस (QoS) इंडिकेटर्स लाए जाएंगे। अनचाही या स्पैम कॉल्स एक बड़ी समस्या है। हाल ही में एक
सर्वे में बताया गया था कि 92 प्रतिशत सब्सक्राइबर्स को 'डु नॉट डिस्टर्ब' लिस्ट में होने के बावजूद प्रति दिन कम से कम एक स्पैम कॉल मिलती है। स्पैम कॉल्स करने वालों में फाइनेंशियल सर्विसेज और रियल एस्टेट सेक्टर्स सबसे आगे हैं।
LocalCircles के एक सर्वे में कहा गया था कि 16 प्रतिशत मोबाइल यूजर्स को प्रति दिन 6-10 स्पैम कॉल्स मिलती हैं, जबकि लगभग पांच प्रतिशत के लिए यह संख्या प्रति दिन 10 कॉल्स से अधिक है। यह सर्वे 5 जनवरी से 5 फरवरी के बीच किया गया था। इसमें 342 जिलों के लोगों से 56,000 से अधिक उत्तर मिले हैं। सर्वे के प्रत्येक प्रश्न के लिए उत्तरों की संख्या अलग थी। सर्वे में शामिल मोबाइल सब्सक्राइबर्स में से 66 प्रतिशत ने बताया कि उन्हें प्रति दिन तीन या इससे अधिक स्पैम कॉल्स मिलती हैं। इनमें से 96 प्रतिशत सब्सक्राइबर्स का कहना था कि उन्हें प्रति दिन कम से कम एक ऐसी कॉल मिलती है।