मोबाइल फोन सब्सक्राइबर्स के लिए अनचाही या स्पैम कॉल्स एक बड़ी समस्या है। इनमें से 92 प्रतिशत सब्सक्राइबर्स को 'डु नॉट डिस्टर्ब' लिस्ट में होने के बावजूद प्रति दिन कम से कम एक स्पैम कॉल मिलती है। स्पैम कॉल्स करने वालों में फाइनेंशियल सर्विसेज और रियल एस्टेट सेक्टर्स सबसे आगे हैं।
LocalCircles के एक
सर्वे में बताया गया है कि 16 प्रतिशत मोबाइल यूजर्स को प्रति दिन 6-10 स्पैम कॉल्स मिलती हैं, जबकि लगभग पांच प्रतिशत के लिए यह संख्या प्रति दिन 10 कॉल्स से अधिक की है। यह सर्वे 5 जनवरी से 5 फरवरी के बीच किया गया था। इसमें 342 जिलों के लोगों से 56,000 से अधिक उत्तर मिले हैं। सर्वे के प्रत्येक प्रश्न के लिए उत्तरों की संख्या अलग थी। सर्वे में शामिल मोबाइल सब्सक्राइबर्स में से 66 प्रतिशत ने बताया कि उन्हें प्रति दिन तीन या इससे अधिक स्पैम कॉल्स मिलती हैं। इनमें से 96 प्रतिशत सब्सक्राइबर्स का कहना था कि उन्हें प्रति दिन कम से कम एक ऐसी कॉल मिलती है।
'डु नॉट डिस्टर्ब' लिस्ट के लिए रजिस्टर्ड होने के बाद स्पैम कॉल्स मिलने के बारे में किए गए प्रश्न पर 92 प्रतिशत यूजर्स ने हां में उत्तर दिया। लगभग 78 प्रतिशत मोबाइल यूजर्स का कहना था कि उन्हें सबसे अधिक स्पैम कॉल्स फाइनेंशियल सर्विसेज और रियल एस्टेट सेक्टर्स से मिलती हैं। स्पैम कॉल्स के सोर्स के बारे में पूछने पर लगभग 50 प्रतिशत यूजर्स ने बताया कि उन्हें ये कॉल्स विभिन्न मोबाइल नंबर्स से आती हैं और ये नंबर्स व्यक्तिगत लगते हैं, जबकि 29 प्रतिशत का कहना था कि ये नंबर्स कंपनियों या ब्रांड्स के लगते हैं। इसके अलावा लगभग 14 प्रतिशत यूजर्स ने बताया कि उन्हें लगता है कि ये स्पैम कॉल्स एक सेंट्रलाइज्ड लैंडलाइन नंबर से की जाती हैं।
सर्वे की रिपोर्ट में बताया गया है कि फाइनेंशियल सर्विसेज, रियल एस्टेट और अन्य सर्विस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों से मिली जानकारी से पता चलता है कि ऐसी फर्मों में सेल्स और मार्केटिंग डिविजन इस तरह की कॉल्स के लिए थर्ड पार्टी एजेंसियों को हायर करती हैं। इन एजेंसियों का स्टाफ इस तरह की कॉल्स अपने व्यक्तिगत मोबाइल नंबर्स से भी करता है। स्पैम कॉल्स को लेकर
टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने भी कुछ उपाय किए हैं। इसके बावजूद यह समस्या बरकरार है।
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