• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • Elon Musk की कंपनी ने क्‍यों लॉन्‍च किया ISRO का सैटेलाइट? क्‍या भारत के पास नहीं है क्षमता? जानें

Elon Musk की कंपनी ने क्‍यों लॉन्‍च किया ISRO का सैटेलाइट? क्‍या भारत के पास नहीं है क्षमता? जानें

अमेरिकी बिजनेसमैन एलन मस्‍क (Elon Musk) की स्‍पेस कंपनी स्‍पेसएक्‍स (SpaceX) ने सोमवार को पहली बार कोई भारतीय मिशन अंतरिक्ष में पहुंचाया।

Elon Musk की कंपनी ने क्‍यों लॉन्‍च किया ISRO का सैटेलाइट? क्‍या भारत के पास नहीं है क्षमता? जानें

Photo Credit: Screen Grab/SpaceX

GSAT-N2 जब काम शुरू कर देगा, तो इसकी मदद से दूरदराज के इलाकों तक इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाई जा सकेगी।

ख़ास बातें
  • स्‍पेसएक्‍स ने लॉन्‍च किया GSAT-N2 कम्‍युनिकेशंस सैटेलाइट
  • फाल्‍कन-9 रॉकेट ने अंतरिक्ष में पहुंचाया
  • देश के दूरदराज इलाकों तक इंटरनेट कनेक्टिविटी में करेगा मदद
विज्ञापन
अमेरिकी बिजनेसमैन एलन मस्‍क (Elon Musk) की स्‍पेस कंपनी स्‍पेसएक्‍स (SpaceX) ने सोमवार को पहली बार कोई भारतीय मिशन अंतरिक्ष में पहुंचाया। उसके फाल्‍कन-9 रॉकेट (Falcon 9 rocket) ने भारत के अंतरिक्ष संगठन इसरो (ISRO) के GSAT-N2 कम्‍युनिकेशंस सैटेलाइट को लेकर उड़ान भरी। केप कैनावेरल स्‍पेस फोर्स स्‍टेशन से यह लॉन्‍च हुआ, जोकि सफल रहा। लेकिन इससे सवाल उठता है कि इसरो का सैटेलाइट अमेरिका से क्‍यों लॉन्‍च हुआ? क्‍या भारत के पास ऐसी का‍बिलियत नहीं है? 

सैटेलाइट लॉन्‍च करने को लेकर इसरो का एक सफल इतिहास और तजुर्बा है। इसरो ने कई सैटेलाइट अंतरिक्ष में पहुंचाए हैं और दूसरे देशों को सैटेलाइट्स को भी लॉन्‍च किया है। इसरो को कम बजट में सैटेलाइट लॉन्‍च करने के लिए जाना जाता है। बावजूद इसके, GSAT-N2 कम्‍युनिकेशंस सैटेलाइट को अमेरिका से लॉन्‍च किया गया। 
 

दरअसल, GSAT-N2 सैटेलाइट का वजन 10360 पाउंड यानी करीब 4700 किलोग्राम है। इसे अंतरिक्ष में ऐसी कक्षा में पहुंचाया गया है, जो हमारी पृथ्‍वी से 22,236 मील (35,786 किलोमीटर) ऊपर स्थित है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, कोई भी भारतीय रॉकेट इतने भारी पेलोड को इतनी दूर तक नहीं ले जा सकता, इसलिए इसरो ने फाल्कन-9 रॉकेट का चुनाव किया, जो स्‍पेसएक्‍स का पॉपुलर रॉकेट है और कई मिशनों को उनकी मंजिल तक पहुंचा चुका है। 

इससे पहले भी इसरो ने अपने भारी सैटेलाइट्स को विदेशों से लॉन्‍च करवाया है। आमतौर पर यूरोपीय कंपनी एरियनस्पेस ये लॉन्‍च करती थी, लेकिन पहली बार फाल्‍कन-9 रॉकेट को चुना गया है। जैसाकि हर बार होता है, स्‍पेसएक्‍स का फाल्‍कन-9 रॉकेट का फर्स्‍ट स्‍टेज बूस्‍टर लिफ्ट ऑफ के ठीक 8.5 मिनट बाद पृथ्‍वी पर लौट आया। इस बूस्‍टर का यह 19वां मिशन था। 
 

क्‍या काम करेगा GSAT-N2 

रिपोर्ट्स के अनुसार, GSAT-N2 जब काम शुरू कर देगा, तो इसकी मदद से दूरदराज के इलाकों तक इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाई जा सकेगी। फ्लाइट्स में भी लोगों को इंटरनेट सेवाएं मिल पाएंगी। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Samsung के Galaxy Z Fold 7 में हो सकता है Qi 2 चार्जिंग सपोर्ट, WPC पर हुई लिस्टिंग
  2. भारत में जल्द AI+ ब्रांडेड स्मार्टफोन्स लॉन्च करेगी NxtQuantum, Flipkart पर होगी बिक्री
  3. Tesla जैसी इंटरनेशनल कंपनियों के लिए नई EV पॉलिसी की शुरुआत करेगा भारत
  4. Nothing Phone 3 का लॉन्च 1 जुलाई को कंफर्म, पहले ही लीक हुई कीमत
  5. Lava Storm Play 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, MediaTek Dimensity 7060 चिपसेट
  6. Huawei की भारत में Band 10 के लॉन्च की तैयारी, फिटनेस फीचर्स पर होगा जोर
  7. Tata Harrier EV लॉन्च, 600 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज, जानें फीचर्स, प्राइस
  8. OnePlus Ace 6, 6 Pro के स्पेसिफिकेशंस लीक, 165Hz OLED डिस्प्ले, Snapdragon 8 सीरीज से होगा लैस
  9. Realme ने Rs 1,599 में लॉन्च किए ANC और 48 घंटे के बैटरी बैकअप वाले TWS ईयरबड्स, जानें स्पेसिफिकेशन्स
  10. Infinix ने भारत में लॉन्च किया GT 30 Pro 5G, 108 मेगापिक्सल प्राइमरी कैमरा, जानें प्राइस
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »