करीब एक साल से
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में ‘फंसे' नासा (Nasa) के अंतरिक्ष यात्री फ्रैंक रुबियो, रूसी अंतरिक्ष यात्री सर्गेई प्रोकोपयेव और दिमित्री पेटेलिन के साथ बुधवार को पृथ्वी पर लौट आए। तीनों 6 महीनों के लिए स्पेस स्टेशन में गए थे। वहां पहुंचने के बाद पता चला कि जिस रूसी स्पेसक्राफ्ट से वो आए हैं, उसमें लीकेज है। इसके बाद तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को ISS में ही रुकना पड़ा। अब 371 दिनों के बाद इनकी वापसी हो पाई है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने इसका वीडियो शेयर किया है।
अंतरिक्ष में रहते हुए तीनों ने 15 करोड़ किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा की। फ्रैंक रुबियो तो पहले अमेरिकी बन गए हैं, जिसने इतनी लंबा स्पेस का सफर तय किया है। तीनों अंतरिक्ष यात्रियों ने सोयुज एमएस-23 (Soyuz MS-23) की मदद से कजाकिस्तान में लैंड किया।
अगर रूस के
सोयुज स्पेसक्राफ्ट में खराबी नहीं आई तो तीनों अंतरिक्ष यात्री बहुत पहले पृथ्वी पर आ गए होते। सोयुज स्पेसक्राफ्ट में छेद का पता सबसे पहले पिछले साल दिसंबर में चला था। शुरुआत में रूसी अधिकारियों ने इसकी वजह सूक्ष्म उल्कापिंड (micrometeorites) की टक्कर को बताया था। बाद में वह थ्योरी गलत साबित हुई। स्पेसक्राफ्ट में एक छेद का पता चला, जिसकी वजह पता नहीं चल पाई। रूस अधिकारियों ने जांच की बात कही थी, लेकिन कोई स्पष्ट वजह सामने नहीं आई।
बहरहाल, अब तीनों अंतरिक्ष यात्री धरती पर लौट आए हैं। नासा का कहना है कि आईएसएस पर रहते हुए फ्रैंक रुबियो ने कई वैज्ञानिक जांचों में अपना सहयोग दिया। उनकी वापसी से जुड़ा वीडियो शेयर करते हुए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, वेलकम होम फ्रैंक! हममें से किसी के लिए भी यह सबसे लंबी अंतरिक्ष उड़ान है! फ्रैंक रुबियो 371 दिनों के बाद पृथ्वी पर वापस आ गए हैं। उनका मिशन से हमें डीप स्पेस एक्सोप्लोरेशन के भविष्य को आकार देने में मदद मिलेगी।
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