इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में पिछले सप्ताह बुधवार को एक बड़ी घटना हुई थी। ISS के साथ अटैच्ड सोयुज स्पेसक्राफ्ट (Soyuz spacecraft) में कूलेंट लीक होने से हड़कंप मच गया। एक रूसी अधिकारी ने इस घटना की वजह सूक्ष्म उल्कापिंड (micrometeorites) को बताया था। कहा था कि कोई छोटा उल्कापिंड, स्पेसक्राफ्ट से टकराया होगा। अब जांच में पता चला है कि सोयुज स्पेसक्राफ्ट में एक छोटा सा छेद है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) और रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) मामले में आगे की जांच कर रही हैं। यह छेद 0.8 मिलीमीटर का बताया जा रहा है।
कूलेंट लीक का पता तब चला था, जब दो रूसी अंतरिक्ष यात्री अपनी स्पेसवॉक के लिए तैयार हो रहे थे। दोनों यात्रियों को स्पेसवॉक कैंसल करनी पड़ी थी। रोस्कोस्मोस के सर्गेई क्रिकेलेव ने कहा था कि सोयुज एमएस-22 कैप्सूल के रेडिएटर पर उल्कापिंड के गिरने से कूलेंट लीक हुआ हो सकता है। मामले की जांच शुरू कर दी गई थी। अब जाकर स्पेसक्राफ्ट में एक छोटे छेद होने की जानकारी मिली है।
इस काम में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में तैनात कैनाडर्म 2 रोबोटिक आर्म की मदद ली जा रही थी। उसमें लगे कैमरों की मदद से सोयुज का निरीक्षण किया जा रहा था। रविवार को सर्वे का काम पूरा हुआ, जिसमें कुछ जानकारियां सामने आईं।
नासा के अधिकारियों ने एक
ब्लॉग पोस्ट में बताया है कि सोयुज स्पेसक्राफ्ट में एक छोटा छेद देखा गया था और छेद के चारों ओर रेडिएटर की सतह पर धब्बे भी दिखाई दिए। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी यह जांच कर रही है कि क्या स्पेसक्राफ्ट में छेद सूक्ष्म उल्कापिंडों की वजह से हुआ या फिर यह कोई मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है।
छोटे उल्कापिंड, अंतरिक्ष यानों और उन तमाम मिशनों के लिए खतरा हैं, जो अंतरिक्ष में घूम रहे हैं। स्पेस में तैनात सबसे बड़ी दूरबीन, जेम्स वेब टेलीस्कोप (James Webb Telescope) को भी उल्कापिंड की टक्कर से नुकसान हो चुका है, हालांकि उसका कोई बड़ा असर टेलीस्कोप की क्षमता पर नहीं हुआ है। सोयुज स्पेसक्राफ्ट इस साल सितंबर में लॉन्च हुआ था। इसमें सवार होकर दो रूसी और एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में पहुंचे थे।
अगर यह स्पेसक्राफ्ट आगे की उड़ान के लायक नहीं माना जाता, तो तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर वापस लाने के लिए कजाकिस्तान से एक और सोयुज स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च किया जा सकता है। मौजूदा वक्त में सिर्फ दो स्पेसक्राफ्ट ही इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक अंतरिक्ष यात्रियों को लाते और ले जाते हैं। इनमें सोयुज और स्पेसएक्स का एक स्पेसक्राफ्ट शामिल हैं।